हिंदी कक्षा 8वीं पाठ 22 हिरोशिमा की पीड़ा

पाठ 22 हिरोशिमा  की पीड़ा

श्री अटल बिहारी वाजपेयी



शब्दार्थ - उचत = उब उदासी, आविष्कार = सर्वथा नई वस्तु बनाना, ईजाद, कालरात्रि अंधेरी एवं भयानक रात, भीषण= भयानक, भयंकर, नरसंहार लोगों का सामूहिक विनाश, बिछोह = वियोग, विषाद गहरा दुःख, चेष्टा : कोशिश, अनुभूति = अनुभव जन्य, कटघरा काठ का बना घेरा, अदालत में वह स्थान जहाँ विचार के समय अभियुक्त और अपराधी खड़े किए जाते हैं।

प्रमुख पद्यांशों की व्याख्या

 1. किसी रात को

 मेरी नींद अचानक उचट जाती है,

 आँख खुल जाती है 

मैं सोचने लगता हूँ कि

 जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का 

आविष्कार किया था

 वे हिरोशिमा-नागासाकी के

भीषण नरसंहार के समाचार सुनकर 

रात को सोए कैसे होंगे ?

संदर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के हिरोशिमा की पीड़ा नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी हैं।

प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश में बाजपेयी जी हिरोशिमा नागासाकी के भीषण नरसंहार को याद कर दुःख व्यक्त कर रहे हैं।

व्याख्या - कवि बाजपेयी जी दुःखी हृदय से लिख रहे हैं कि अचानक रात्रि में मुझे हिरोशिमा नागासाकी के भीषण नरसंहार की याद आते ही मेरी नींद उचट कर आँख खुल जाती है। मैं सोचने लगता हूँ कि जहाँ इस विध्वंस के समाचार ने पूरी दुनिया की नींद उड़ाकर सभी को दुःखी कर दिया। उन वैज्ञानिकों ने जिन्होंने अणुशस्त्रों का अविष्कार किया था, इनके प्रयोग से ही दो लाख से ज्यादा मनुष्य मृत्यु के गर्त में समा गए, क्या उन वैज्ञानिकों की नींद हराम नहीं हुई होगी ? उनका हृदय दुःखी नहीं हुआ होगा? उन्हें नींद कैसे आई होगी? नरसंहार का समाचार सुनकर क्या उनके हृदय में पीड़ा भाव जागृत नहीं हुई होगी?

2.दाँत में फँसा तिनका,

आँख में किरकिरी, 

पाँव में चुभा काँटा,

आँखों की नींद 

मन का चैन उड़ा देते हैं।

संदर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के हिरोशिमा की पीड़ा नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी हैं।

प्रसंग - कवि ने यहाँ छोटी से छोटी असहज चीज की प्रभाविकता को उजागर किया है।

व्याख्या - कवि का मानना है कि संभवतः हिरोशिमा- नागासाकी के भीषण नरसंहार के समाचार को सुनकर अणुबम के आविष्कारक वैज्ञानिक भी चैन की नींद नहीं सो सकें होंगे क्योंकि दाँत में फँसा भोजन का एक कण, आँख में पड़ा छोटा-सा-छोटा तिनका पाँव में चुभा छोटा सा काँटा भी हमारे लिए असहनीय होता है। उस दुर्घटना से तो समग्र प्राण समुदाय सिहर उठा था।

3. सगे संबंधी की मृत्यु,

किसी प्रिय का न रहना,

परिचित का उठ जाना,

 यहाँ तक की पालतू पशु का भी बिछोह

 हृदय में इतनी पीड़ा, इतना विषाद भर देता है;

कि चेष्टा करने पर भी नींद नहीं आती 

करवटें बदलते रात गुजर जाती है।

संदर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के हिरोशिमा की पीड़ा नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी हैं।

प्रसंग - मनुष्य की हृदयगत बातों को कवि बताना चाह रहे हैं।

व्याख्या- कवि कहते हैं कि मनुष्य अपने सगे संबंधी, रिश्तेदार की मृत्यु या कोई प्रिय व्यक्ति के अथवा परिचित की मृत्यु होने पर भी बहुत दुःखी हो जाता है। यहाँ तक की पशु-पक्षी की मृत्यु हो जाने पर भी उसे बहुत पीड़ा होती है। दुःख के कारण नींद नहीं आती, यहाँ तक कि करवटें बदल-बदलकर उसकी रातें बहुत मुश्किल से गुजरती हैं।

4. किंतु जिनके आविष्कार से 

वह अंतिम अस्त्र बना 

जिसने छः अगस्त उन्नीस सौ पैंतालीस की कालरात्रि

 को हिरोशिमा-नागासाकी में मृत्यु का तांडव कर 

दो लाख से अधिक लोगों की बलि ले ली, 

हजारों को जीवन भर के लिए अपाहिज कर दिया।

संदर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के हिरोशिमा की पीड़ा नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी हैं।

प्रसंग - हिरोशिमा व नागासाकी में हुए नरसंहार पर दुःख व्यक्त करते हैं।

व्याख्या - वे वैज्ञानिक जिन्होंने इस अंतिम अस्त्र का निर्माण किया, जिसके कारण 6 अगस्त 1945 की कालरात्रि ने दो लाख से अधिक हिरोशिमा-नागासाकी के लोगों की बलि ले ली और आज भी वहाँ के हजारों लोग अपाहिज ही पैदा हो रहे हैं।5 क्या उन्हें एक क्षण के लिए सही, यह अनुभूति हुई कि उनके हाथों जो कुछ हुआ, अच्छा नहीं हुआ यदि हुई ? तो वक्त उन्हें कटघरे में खड़ा नहीं करेगा। किन्तु यदि नहीं हुई तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।

संदर्भ - प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के हिरोशिमा की पीड़ा नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी हैं।

प्रसंग - कवि विनाशकारी अस्त्र बनाने की संचित करना चाहता है कि उनका यह कार्य अच्छा नहीं होगा है।

व्याख्या - क्या उस मरणात्रों के निर्माताओं के मन में अपने उस आविष्कार के प्रति क्षण-मात्र के लिए भी क्षोभ-ग्लानि और पश्चाताप की अनुभूति हुई होगी ? कवि कहते हैं कि यदि उन्हें अपने उस आविष्कार के प्रत्यक्ष दुष्प्रभाव को जानकर पछतावा हुआ होगा तब तो शायद समय उन्हें माफ कर दे अन्यथा इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा ?

प्रश्न और अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. हिरोशिमा और नागासाकी नामक स्थान कहाँ स्थित हैं ?

उत्तर - हिरोशिमा और नागासाकी नामक स्थान जापान देश में स्थित हैं।

प्रश्न 2. कवि की नींद अचानक किसी रात को क्यों उचट-उचट जाती है ?

उत्तर- कवि की नींद अचानक रात को इसलिए उचट-उचट जाती है क्योंकि हिरोशिमा व नागासाकी के नरसंहार स्वप्न में दिखाई देता था।

प्रश्न 3. कवि का हृदय विषाद से क्यों भर जाता है ?

उत्तर - हिरोशिमा-नागासाकी में परमाणु बम गिरने से दो लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाने से कवि का हृदय विषाद से भर जाता है।

प्रश्न 4. विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम कहाँ गिराया गया था ?

उत्तर - विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम जापान देश के हिरोशिमा व नागासाकी शहर में गिराया गया था।

प्रश्न 5. कविता में किस तिथि को कालरात्रि कहा गया है और क्यों ?

उत्तर - कविता में 6 अगस्त 1945 को कालरात्रि कहा गया है क्योंकि हिरोशिमा-नागासाकी में परमाणु बम गिराया था।

प्रश्न 6. उस भीषण नरसंहार में कितने लोगों की बलि चढ़ी ?

उत्तर- उस भीषण नरसंहार में दो लाख से अधिक लोगों की बलि चढ़ी ?

प्रश्न 7. कवि वैज्ञानिकों से किस प्रकार की अनुभूति की अपेक्षा करता है और क्यों ?

उत्तर - कवि वैज्ञानिकों से अपेक्षा करते हैं कि वे अविष्कार करने से पहले सोच-समझ लें व दूसरों के दुःख-दर्द को समझकर आविष्कार करें। मानव के पीड़ा को समझें क्योंकि अच्छे आविष्कार से देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है और बुरे आविष्कार से दुनिया श्रापित हो जाती है।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. "इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।" इस पंक्ति में उन्हें किसके लिए कहा गया है और कवि ने ऐसा क्यों कहा है ?

उत्तर- इस पंक्ति में विध्वंसक सामग्री के निर्माणकर्ताओं के लिए कहा गया है क्योंकि उनके विनाशकारी निर्माण के प्रयोग के कारण ही असंख्य मानव काल के गाल में समा गए।

प्रश्न 3. युद्ध क्यों होते हैं ? इनके कारणों पर विचार कीजिए और कारणों को बिंदुवार लिखिए।

उत्तर - युद्ध के निम्नलिखित कारण हैं-

(i) जमीन विवाद,

(ii) सीमा विवाद,

(iii) आतंकवादी गतिविधियाँ।

प्रश्न 4. विज्ञान को सद्‌कार्यों से कैसे जोड़ा जा सकता है? अपने विचार लिखिए।

उत्तर - मनुष्य में अपनी आवश्यकताओं के लिए नए-नए आविष्कार किए हैं, वे सब विज्ञान की देन हैं। विज्ञान का अच्छे कार्य के लिए उपयोग किया जाए तो हम प्रगति की राह पर चलने लगते हैं।

भाषा से

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए -

नर, आँख, रात, देश, हाथ, पाँव

उत्तर-

नर- मनुज, जन, मनुष्य

आँख- नयन, नेत्र, लोचन

रात- रात्रि, निशा, रजनी

देश- राष्ट्र, वतन, मुल्क

हाथ- कर, हस्त, पाणि

पाँव - पद, पैर, चरण

प्रश्न 2. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए एवं उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए -

(i) आँख खुलना = सावधान होना

वाक्य - चोर को देखकर मेरी आँख खुल गयी।

(ii) उठ जाना = मर जाना

वाक्य - उत्पन्न होना और उठ जाना इस मृत्युलोक का शाश्वत सत्य है।

(iii) आँख की किरकिरी = असहाय होना

वाक्य - अपने दुर्गुणों से राजेश हमारी आँखों की किरकिरी है।

(iv) करवटें बदलना = बेचैन होना

वाक्य - परीक्षा का परिणाम आने का समाचार सुनकर लक्ष्य करवटें बदल रहा था।

प्रश्न 3. कविता में हिरोशिमा-नागासाकी एवं 'सगे-संबंधी' इन शब्दों के बीच योजन चिन्ह (-) का इस्तेमाल हुआ है। ऐसे ही पाँच शब्दों के बीच योजक चिन्ह लगाकर लिखिए।

उत्तर -

दाल-रोटी

जय-पराजय

लाभ-हानि

खाते-पीते

माता-पिता

कभी-कभी

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