हिंदी कक्षा 8वीं पाठ 18 तृतीय लिंग का बोध

 पाठ 18 तृतीय लिंग का बोध

 –श्री लेखक मंडल

प्रश्न और अभ्यास

पाठ से

प्रश्न 1. राम के वन गमन के प्रसंग में किन्नरों के बारे में किस कथा का वर्णन मिलता है ?

उत्तर- राम के वन गमन के समय अयोध्यावासी श्री राम को सरयू नदी तक छोड़ने जाते हैं। नदी तट पर श्रीराम सभी को फिर मिलने का आश्वासन देकर घर लौटने कहते हैं। किन्नरों की छोड़कर सभी वापस लौट जाते हैं। 14 साल बाद श्रीराम वापस आते हैं, तो किन्नर उनका इंतजार कर रहे थे। जब कारण पूछे ती किन्नरों ने कहा के आप नर-नारी को वापस लौटने की आज्ञा दीये थे। हम किन्नर है सो यही रुक गए और आपका इंतजार करने लगे।

प्रश्न 2. शिखंडी कौन थे और क्यों प्रसिद्ध हुए ?

उत्तर - शिखंडी महाराज दुपद का पुत्र व द्रोपती का भाई था कहीं-कहीं सती का अवतार भी कहा गया है। शिखंडी ने धर्म की 'रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध लड़ा था। श्री कृष्ण ने उन्हें महाभारत के युद्ध में सेनापति बनाये। शिखंडी महरथी थे। इसी कारण प्रसिद्ध हुए।

प्रश्न 3. राम बनवास से लौटते हुए किन्नरों को क्या आशीर्वाद दिए ?

उत्तर - राम बनवास से लौटते हुए उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया कि "कलयुग में उनका राज होगा और दुआएँ लोगों को लगेंगी।"

प्रश्न 4. दैहार क्या है ?

उत्तर - मुगल काल में किन्नरों के रहने का आश्रम या आवास दिया करते थे, गान व नृत्य करताओं के ये दक्ष हुआ करते थे। किन्नरों का आश्रम ही दैहार कहलाता है।

प्रश्न 5. तृतीय लिंग को किन अन्य नामों से जानते हैं ?

उत्तर- तृतीय लिंग को किन्नर टीजी भी कहा जाता है। 

प्रश्न 6. तृतीय लिंग के लोगों ने किन-किन क्षेत्रों में प्रसिद्धि प्राप्त की है।

उत्तर - तृतीय लिंग समुदाय के लोग कारपोरेट, समाजसेवा राजनीति, फैशन, संगीत आदि क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त की है।

प्रश्न 7. विकास क्रम में पीछे कौन से वर्ग है और क्यों?

उत्तर- विकास क्रम में पिछे तृतीय लिंग समुदाय है क्योंकि यो सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकते, अनुकूल वातावरण नहीं मिल पाता।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. पाठ में प्राचीन कालों के नाम आए है जैसे त्रेता, द्वापर, कलयुग ये काल क्यों प्रसिद्ध है ? मित्रों से चर्चा करो।

उत्तर- त्रेता युग-हिन्दू मान्यताओं के अनुसार चार युगों में से एक युग है। इस युग में विष्णु के पाँचवे, छठे, सातवे अवतार प्रकट हुए थे। यह अवतार वामन, परशुराम और राम के थे। इस युग में राम को 14 वर्षों का वनवास मिला था।

द्वापर युग - इस युग में महाभारत का युद्ध हुआ इसलिए द्वापर युग प्रसिद्ध है।

कलयुग - कलयुग में खासियत जैसी कुछ नहीं चारों ओर अहंकार, प्रतिशोध, लालच ही दिखाई पड़ता है जिसे इंसान भुगत रहा है।

भाषा से

अलग-अलग, गुरु-शिष्य, एक-दो, शिक्षा-दीक्षा

प्रश्न 1. उपर्युक्त शब्द पाठ में प्रयुक्त हुए हैं, जिनको लिखने में योजक चिन्ह (-) का प्रयोग किया गया है। योजक चिन्ह का प्रयोग पुनरुक्त, युग्म और सहचर शब्दों के मध्य किया जाता है, उदाहरण स्वरूप - हानि-लाभ, जीवन- मरण, कभी-कभी खाते-पीते, आप पाठ से और अपने आस- पास प्रचलित ऐसे 10 शब्दों को लिखिए जिनमें योजक बिन्हों का प्रयोग होता है।

उत्तर- नर-नारी, क्षण-क्षण, भला-बुरा, दाल-रोटी, थोड़ा- बहुत, आकाश-पाताल, पाप-पुण्य, भाई-बहन, माता-पिता।

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