हिंदी कक्षा 7वीं पाठ 18 मितानी

 पाठ 18 मितानी



अभ्यास

 पाठ से 

प्रश्न 1. मँजूर ह अपन पाँख ल काबर छितराय हे ? 

उत्तर - जब करिया - करिया बादर उमड़े - घुमड़े त मँजूर ह अपन पाँख ल छितराके झूम - झूम के नाचय । 

प्रश्न 2. केछवा ह मँजूर ल पहिली बार देखके का कहिथे ?

उत्तर - केछवा ह मँजूर ल पहिली बार देखके कहिथे कि “ वा भाई मँजूर , तँय तो बढ़िया नाचथस अउ तोर पाँख हर बहुत सुग्धर सजे हे । लगथे अगास के चंदा - चंदैनी हर पाँख म उतरे हैं । "

प्रश्न 3. मँजूर ह सिकारी के फाँदा मा कइसे फसगे ? 

उत्तर - एक दि संझा सिकारी आके तरिया तीर मा अपन फाँदा ल फैला दिस , बिहनिया ओमा मँजूर ह फँदगे ।

प्रश्न 4. अपन मितान के छोड़े के खातिर केछुवा ह सिकारी ल का कहिथे ? 

उत्तर- अपन मितान ल छोड़ाय के खातिर केछुवा ह सिकारी ल कहिथे , “ मोर मितान ल छोड़बे त एकर बदला म तोला एक ठन बढ़िया चीज देहूँ , जेन ल बेंच के तोर परिवार बर दार - चाऊँर बिसा लेबे । अउ ओह एक ठन मोती ओला दिस।"

प्रश्न 5. सिकारी ह मँजूर ल काबर छोड़ देथे ? 

उत्तर- सिकारी ह मँजूर ल ऐकर सेती छोड़ दिस काबर कि केछवा ह ओला एक ठन मोती ल देइस ।

प्रश्न 6. सिकारी के लालच बाढ़े के का कारण रहिस ? 

उत्तर – सिकारी के लालच बाढ़े के कारण मोती ह रहिस ।

प्रश्न 7. आखिर म केछवा ल का उपाय सूझिस अउ ओ हर का करिस ?

उत्तर – आखिर म केछवा ल उपाय सूझिस अउ ओ हर सिकारी ल कथे— " सिकारी भइया ! ओइसनेच मोती लाने खातिर पहिली वाले मोती के नाप - जोख करे बर परही , तउले बर परही । मैं तोला ओइसनेच मोती दे बर तियार हँव । फेर पहिली वाले मोती ल लान के तैं मोला दे दे । ”

 प्रश्न 8. सिकारी ह काबर पछतावत रहिगे ?

उत्तर- लालच में परके सिकारी ह जब मोती ल केछुवा ल लाकर देइस त ओह मोती ल पानी म फेंक दिस अउ ओला लालची व बिंसवासघाती घलो कहिस । सिकारी ह पछतावत रहिगे । 

पाठ से आगे 

प्रश्न 1. मँजूर सहीं कहूँ तुम्हर मितान कोनो मुसीबत में फँस जाही त तुमन ओला उबारे बर का उदिम करहूँ ? सोच के लिखव । 

उत्तर- मँजूर सहीं कहूँ हमर मितान कोनो मुसीबत में फँस जाही त हमन ओला उबारे बर केछुवा सरिखे कोनो न कोनो उदिम करहूँ । धीरज बाँधकर चतुराई से ओला संकट से उबारहूँ काबर कि संकट के बेरा मितान हर मितान के काम नइ आइस त ओहर मितान नो हय ।

प्रश्न 2. मँजूर ल फाँदा म फसे देखके केछवा कहूँ भाग जातिस त दोनों के मितानी में का परभाव पड़तीस सोच के लिखव । 

उत्तर- मँजूर ल फाँदा म फसे देखके केछव ा कहूँ भाग जातिस त दोनों के मितानी में फेर पड़ जातिस कि मुसीबत म ओहर मोर साथ छोड़ दिस ।

प्रश्न 3. सिकारी ह मोती के लालच म पहिली मोती ल घलो गँवा दिस अउ लालच नई करतिस त ओकर जीवन म का सुधार होतीस ? साथी मन संग सोच के लिखव ।

उत्तर- सिकारी ह लालच नई करतिस त वतके म संतोष करके ओ मोती ल बेच के अपन जीवन ला सुधार लेतिस।

 भाषा से 

प्रश्न 1. खाल्हे लिखाय मुहावरा मन के अर्थ लिखव अठ वाक्य म प्रयोग करव ( नीचे लिखे मुहावरों का अर्थ लिखकर अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए । )

उत्तर- ( 1 ) पोटा काँपना - डर लगना । 

वाक्य - गनित के परचा ल देखत ही रमेश के पोटा काँपथे । ( गणित के पेपर को देखते ही रमेश को डर लगने लगता है । )

( 2 ) करलइ होना - कष्ट होना , मुसीबत में पड़ना । 

वाक्य – सिकारी के फाँदा में फँसे ल मँजूर के करलइ होगे ।

 ( शिकारी के जाल में फँसने से मयूर कष्ट में पड़ गया । )

( 3 ) असमंजस म पड़ना - निर्णय न कर पाना ।

वाक्य - रामू ह अपन गाँव जाय के रद्दा ल भुलागे अठ वो हा असमंजस म पड़गे कि कति कोती जावँव । ( रामू अपने गाँव जाने का रास्ता भूल गया और वह असमंजस में पड़ गया कि वह किस ओर जाए । ) 

( 4 ) लालच म परना- लालच में पड़ना ( लोभ करना ) ।

वाक्य – सिकारी ह लालच म परके मँजूर ल अपन फाँदा म दुबारा फँसा लिस । ( शिकारी लालच में पड़कर मयूर को अपने जाल में दुबारा फँसा लिया । )

प्रश्न 2. खाल्हे दे शब्द मन ल ई अउ ता प्रत्यय लगाके बनावव 

1. बीमार - बीमारी 

2. सच्चा - सच्चाई

3. बुरा - बुराई

4.प्रबल - प्रबलता

5. विमुख - विमुखता 

6. कांत  -कांती

7. शिष्ट - शिष्टता 

प्रश्न 3. खाल्हे लिखाय शब्द मन के हिंदी में अर्थ लिखव अउ ओकर उल्टा शब्द लिखव 

1 . मितानी ( मित्रता)- (दुश्मनी) शत्रुता।

2 . खुश ( प्रसन्न ) - नाखुश (नाराज)

3 .चतुरा ( चतुर / होशियार ) बुद्धू,मूर्ख(बेवकूफ)

4.बिसाना ( खरीदना ) बेचना

5. तीर ( पास ) दूरिहा(दूर)

प्रश्न 4. उचित संबंध  जोड़ों

 उत्तर–

 1. खोखमा  - सुघ्घर

2 . मँजूर -पाँख

3 . पानी -निरमल

4 . भौंरा -गीत

5 . सिकारी - फाँदा ।

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