पाठ 4 साहसी रूपा
शब्दार्थ –
प्रवेश लेना = दाखिला लेना , भर्ती होना ,
सहपाठिनें = साथ में पढ़ने वाली ।
ठहाका = जोर की हँसी । घमंडी = अभिमानी ।
सौन्दर्य = सुन्दरता ।
धैर्य = धीरज । लथपथ सना हुआ ।
संकोच = सकुचाहट ।
दलदल= गीली कीचड़ से भरी जमीन ।
प्रशंसा =तारीफ , बड़ाई ।
प्रश्न और अभ्यास
प्रश्न 1. कहानी पढ़कर रूपा के बारे में अपने शब्दों में लिखे । उत्तर- रूपा एक साहसी एवं हिम्मती लड़की थी । वह शांति के झील में गिरने पर अदम्य साहस का परिचय दिया एवं अपनी जान पर खेलकर शांति की जान बचायी ।
प्रश्न 2. रूपा को साहसी क्यों कहा गया है ?
उत्तर – रूपा ने अपनी जान खतरे में डालकर शांति के प्राणों की रक्षा की इसलिए रूपा को साहसी कहा गया है ।
प्रश्न 3. रूपा का बढ़ा हुआ हाथ फूलों को सहलाकर वापस पीछे क्यों आ जाता था ?
उत्तर – रूपा को फूल अच्छे लगते थे । वह फूलों को उनकी डाली पर खिला हुआ देखने में ज्यादा आनन्द महसूस करती थी । इसलिए वह फूलों को सहलाती थी , उन्हें तोड़ती नहीं थी ।
प्रश्न 4. यदि तुम रूपा के स्थान पर होते होती तो शांति की किस प्रकार मदद करते / करती ?
उत्तर- यदि हम रूपा के स्थान पर होते तो रूपा का तरीका ही मदद करने के लिए अपनाते । एक तरफ बचाओ बचाओ चिल्लाते तथा दूसरी तरफ प्रत्यक्ष मदद करते ।
प्रश्न 5. पिकनिक पर जाते समय हमें क्या विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए ?
उत्तर- पिकनिक पर जाते समय हमें अधिक ऊँचे स्थान , अधिक गहरे स्थान , जंगली जानवर युक्त स्थान , भीड़भाड़ वाले स्थान पर सावधानी बरतनी चाहिए । पहाड़ों से गिरने , नदियों - बाँधों में डूबने , हिंसक जानवरों के आक्रमण एवं भीड़भाड़ में खोने का डर रहता है । अध्यापक के निर्देशों का पूरा - पूरा पालन करना चाहिए । समूह में रहने से खतरे में एक - दूसरे की मदद की जा सकती है ।
प्रश्न 6. तुम पिकनिक किस मौसम में जाना चाहोगे और क्यों ? उत्तर - मैं पिकनिक बसंत ऋतु में जाना चाहूँगा क्योंकि उस समय न अधिक सर्दी और न अधिक गर्मी होती है , साथ ही इस मौसम में प्रकृति में हरियाली छा जाती है ।
भाषा तत्व और व्याकरण
प्रश्न 1. नीचे दिए वाक्यांशों के लिए एक - एक शब्द लिखो
उत्तर ( क ) जो फल खाता हो- फलाहारी
( ख ) साथ पढ़ने वाली - सहपाठिन
( ग ) जिसको होश न रहे - बेहोश
( घ ) जिसे बहुत अभिमान हो - अभिमानी
( ङ ) जिसका मूल्य आँका न जा सके- अमूल्य।
प्रश्न 2. इन शब्दों को वर्णमाला के क्रम में लिखो - सहपाठिन , कठिनाई , उनसे , लकड़ी , पसंद , अध्यापिका , परन्तु , बचाओ , लता ।
उत्तर- अध्यापिका , उनसे , कठिनाई , परन्तु , पसंद , बचाओ , लकड़ी , लता , सहपाठिन ।
प्रश्न 3. ' धैर्य ' , ' ग्रह ' , ' राष्ट्र ' , ' कारण ' - इन सभी शब्दों में ' र ' का प्रयोग अलग - अलग रूप में किया गया है । नीचे दिए गए शब्दों में ' र ' जोड़कर उनके उचित रूप लिखो ।
उत्तर- ( क ) गाम -ग्राम
( ख ) सिफ -सिर्फ
( ग ) किया -क्रिया
( घ ) काय -कार्य
( च ) पथम -प्रथम
( ड. )आय- आर्य
( छ ) वष -वर्ष
( ज ) टक- ट्रक ।
प्रश्न 4. पाठ में शब्द आया है ' दलदल ' । इसमें दो वर्णों का दो - दो बार प्रयोग हुआ है । ऐसे चार शब्द ( पद ) लिखो जिसमें दो ही वर्गों का दो बार प्रयोग हुआ हो ।
उत्तर- ( 1 ) पल पल , ( 2 ) कल कल , ( 3 ) सर सर , ( 4 ) खट खट । आर्य । प्रथम । वर्ष ।
प्रश्न 5. इस पाठ में से व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञाएँ छाँटकर लिखो ।
उत्तर – व्यक्तिवाचक संज्ञा ( 1 ) रूपा , ( 2 ) शांति । जातिवाचक संज्ञा – ( 1 ) लड़की , ( 2 ) अध्यापिका ,
( 3 ) पाठशाला , ( 4 ) झील ।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. झील के किनारे क्या - क्या था ?
उत्तर- झील के किनारे ऊँचे - ऊँचे वृक्ष , पहाड़ , रंग बिरंगे फूल एवं लताएँ थीं ।
प्रश्न 2. रूपा ने शांति से ऐसा क्यों कहा , “ तुम धैर्यपूर्वक खड़ी रहो । ”
उत्तर – रूपा आवाज लगाकर लोगों को सहयोग के लिए बुलाना चाहती थी , ताकि शांति को दलदल से बाहर निकाला जा सके । उसे बचाने का तरीका भी वह सोच रही थी , इसीलिए उसने कहा कि- " तुम धैर्यपूर्वक खड़ी रहो । " रूपा को यह भी डर था कि अधिक हाथ पैर मारने से शांति दलदल में डूब सकती थी ।
प्रश्न 3. रूपा को तुरन्त क्या उपाय सूझा ?
उत्तर- शांति झील में गिर पड़ी थी । ' बचाओ बचाओ ' चिल्ला रही है । रूपा ने झट से थैले में से फल काटने के चाकू को निकाला और पास की लता काटकर उसे शांति की ओर फेंका और चिल्लाई इसे पकड़ लो शांति । पाँव मत मारो । मैं तुम्हें धीरे - धीरे अपनी तरफ खींचूँगी । उसने लता को धीरे - धीरे खींचकर शांति को बचा लिया ।
प्रश्न 4. रूपा बेहोश कैसे हो गयी थी ?
उत्तर- रूपा शांति को दलदल से बाहर खींचने के कारण बहुत थक चुकी थी । उसका शरीर पसीने से भीग गया था । मुँह लाल हो गया था । अन्ततः रूपा थकान के कारण बेहोश हो गई ।
प्रश्न 5. “ अब हम तुम्हें अभिमानी नहीं , शर्मीली कहा करेंगी ” –एक सहपाठिन ने रूपा से ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर – रूपा की सहपाठिनें रूपा को पहले घमंडी समझती थीं , किन्तु शांति के दलदल में डूबने और उसे बचाने की घटना से रूपा के संबंध में सहपाठिनों का भ्रम टूट गया । रूपा वास्तव में घमंडी थी भी नहीं , वह तो सबसे शर्माती थी , जिसके कारण वह कक्षा में किसी से बात नहीं करती थी ।
प्रश्न 6. अध्यापिका ने रूपा को शाबासी क्यों दी ?
उत्तर- रूपा ने शांति की जान बचाई थी तथा अपने साहस का परिचय दिया था , इसलिए अध्यापिका ने रूपा की पीठ थपथपाई ।
प्रश्न 7. दलदल वाला स्थान कैसे बन जाता है ? उत्तर- -मिट्टी वाले स्थान पर लगातार पानी के जमाव से दलदल बन जाता । दलदल में पानी कम कीचड़ ज्यादा होता है ।
प्रश्न 8. तुमने कहानी को ध्यान से समझते हुए पढ़ा । अब बताओ ये वाक्य किसने , किससे कहे
( क ) “ यह रूपा है । यह इसी कक्षा में पढ़ेगी । "
उत्तर - अध्यापिका जी ने कक्षा में विद्यार्थियों से परिचय कराते हुए कहा ।
( ख ) “ तुम धैर्यपूर्वक खड़ी रहो , अभी मैं किसी को बुला लाती हूँ । ”
उत्तर – रूपा ने शान्ति से कहा ।
( ग ) “ आज तुम न होती तो मैं अपने प्राणों से हाथ धो बैठती । ”
उत्तर- शांति ने रूपा से कहा ।
( घ ) “ इसे पकड़े रहो , पाँव मत मारो । ” उत्तर – रूपा ने शांति से कहा ।
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