हिंदी कक्षा 7वीं पाठ 12 प्रेरणा स्रोत्र:- मेरी माँ

 पाठ 12 प्रेरणा स्रोत मेरी माँ 

अभ्यास         प्रश्न 1. डॉ. कलाम को किन  किन  नामों से जाना जाता है?  

उत्तर- डॉ. कलाम  मिसाइल मैन और पिपल्स प्रेसिडेन्ट के नाम से जाना  जाता है।                             

प्रश्न 2. डॉक्टर कलाम को सबसे अधिक प्रेरणा किससे मिली?  उत्तर- डॉक्टर कलाम को सबसे अधिक प्रेरणा अपनी मां आशियम्मा से  मिली इसलिए अन्य घटनाओं  में मां का उल्लेख बार बार किया है। 

प्रश्न 3. बालक कलाम को पढ़ने के लिए मां कैसे प्रोत्साहित करती थी?         

उत्तर- डॉक्टर कलाम की मां नहीं पढ़ने के लिए एक विशेष लैम्प देती थी। यह लैम्प रात तक पढ़ाई करने में कलाम की मदद करता था।                                 

प्रश्न 4. डॉ कलाम को कौन सी घटना जीवन भर याद रही ?  उत्तर-डॉक्टर कलाम की मां आशियम्मा उनके खाने-पीने का विशेष ध्यान रखती थी 1 दिन घर में ने  गिने-चुने रोटियां थी मां ने अपने हिस्से की दो रोटियां कलाम को दे दी क्योंकि रोटियां उसे पसंद थी बड़े भाई ने यह बात कलाम को बताइ वह अभिभूत होकर मां से लिपट गए।

प्रश्न 5. पढ़ाई के लिए घर से दूर जाते हुए कलाम ने मां को क्या समझाया?       

उत्तर- पढ़ाई के लिए घर से दूर जाते हुए कलाम की मां जब स्वयं को संयत नहीं रख पाए तब उन्होंने मां को समझाया मां मैं तुमसे दूर कहां जा रहा हूं मैं अपनी मां के बिना भला रह सकता हूं ।

प्रश्न 6. भारतीय छात्रों को डॉक्टर कलाम ने क्या संदेश दिया  ?                     

उत्तर- भारतीय छात्रों को अपना संदेश देते हुए उन्होंने कहा था सपने वो नहीं होते जो रात को सोते समय नींद में आए सपने वह होते हैं जो रातों में सोने  नहीं देते  ।

प्रश्न 7. डॉक्टर कलाम के जीवन का सबसे बड़ा अफसोस क्या था?            

उत्तर- डॉक्टर कलाम के जीवन का सबसे बड़ा अफसोस यह था कि वह अपने माता पिता को उनके जीवनकाल में 24 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं करा सकी।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. डॉक्टर कलाम की प्रेरणा स्त्रोत उनकी मां थी हम सबके जीवन में मां की भूमिका कितनी गौरव पूरा है साथियों से विचार कर लिखिए।

उत्तर- इस जगत में हमें लाने का श्रेय मां को ही है उनकी छत्रछाया में हम पढ़ते वक्त बढ़ते हैं जीवन में चाहे कैसा भी समय क्यों ना आए मां की ना ही है जो हमारे साथ देती है प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमें वह हमेशा संबल प्रदान करती है जीवन में जब कठिनाइयां आती है तो वक्त भी मां का ही सहारा सबसे पहले हमें मिलता है अतः हम सबके जीवन में मां की भूमिका अहम है वह हमारे व्यक्तित्व का आईना है।

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