हिंदी कक्षा 6वीं पाठ –7 समय - नियोजन श्री समरबहादुर सिंह

 छत्तीसगढ़ भारती कक्षा छठवीं

पाठ –7 समय - नियोजन(श्री समरबहादुर सिंह)

1. वस्तुतः कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है , जो व्यस्तताओं के बीच भी उन कामों को न कर सके , जिसे वह करने पर उतारू है , जिसे करना वह अनिवार्य मानता है ।

संदर्भ - प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ' भारती ' के पाठ समय - नियोजन ' से ली गई है । इसके लेखक श्री समरबहादुर सिंह ' हैं ।

प्रसंग - इन पंक्तियों में लेखक ने उन व्यक्तियों के विषय में बताया है कि अपनी व्यस्तता का प्रदर्शन करने वाले ही समय के अभाव का बहाना बनाते हैं ।

व्याख्या - लेखक के अनुसार , इस संसार में हम बहुधा यह शिकायत करते हैं कि हमें कार्य करने के लिए समय नहीं मिलता , किन्तु यदि हम आत्म आकलन करें तो उससे यह ज्ञात होता है कि इस दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है , जो अपने जरूरी कामों के लिए व्यस्तता के बीच में भी समय नहीं निकाल सके ।

2. समय , धन के समान है । अतः सावधानी और सतर्कता से हम अपने धन के हिसाब से समय के प्रति थोड़ी ज्यादा ही सावधानी बरतें । कारण , धन तो आता - जाता है किन्तु गया समय फिर वापस नहीं आता । समय का बजट बनाना जिसने सीख लिया , उसने जीने की कला सीख ली , सुख और समृद्धि के भण्डार की कुंजी प्राप्त कर ली ।

प्रसंग - लेखक के अनुसार , जीवन में सुख , समृद्धि और सफलता उन्हों को मिलती है , जो समय की कद्र करते हैं ।

व्याख्या - मनुष्य के जीवन में समय महत्वपूर्ण है । जिस प्रकार सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए हमें धन की आवश्यकता होती है , उसी प्रकार हमें समय के विभाजन के लिए सावधानी रखने की आवश्यकता है । धन तो कभी भी कमाया और गँवाया जा सकता है , किन्तु यदि हमारे हाथ से एक बार समय निकल गया , तो हम उसे पुनः प्राप्त नहीं कर सकते । मनुष्य जिस प्रकार से आय - व्यय का बजट बनाना सीख लेता है , उसी प्रकार यदि प्रत्येक कार्य के लिए समय का सही विभाजन कर लिया तो जीवन की सबसे बड़ी खुशी प्राप्त कर लिया । सुख , समृद्धि तथा शांति का खजाना प्राप्त कर लिया

3. समय और लहरें किसी की प्रतीक्षा में खड़ी नहीं रहतीं । प्रसंग - इस पंक्ति में लेखक ने मानव जीवन के लिए समय - नियोजन की आवश्यकता तथा महत्व को बताया है ।

व्याख्या - लेखक के विचार में जीवन को सफल बनाने के लिए हमें इन सभी की साधना में रोज कुछ - न - कुछ समय लगाना चाहिए । यह तभी संभव है जब हम समय का ठीक विभाजन कर लें और उसका लेखा - जोखा रखते रहें , जिसने समय की इज्जत करना सीख लिया उसे सफलता का रहस्य मिल गया । जिस प्रकार समुद्र , नदी में लहरें आती - जाती रहती हैं , उसी प्रकार समय भी किसी का इंतजार नहीं करता कि आपने कार्य किया है अथवा नहीं । 

 अभ्यास प्रश्नोत्तर

 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1. समय नियोजन से लेखक का क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर - समय नियोजन से लेखक का आशय समय के उचित विभाजन से है । योजनाबद्ध तरीके से समय का विभाजन करने से प्रत्येक कार्य के लिए समय मिल जाता है ।

2. समय के सम्बन्ध में लोगों की अक्सर क्या शिकायतें रहती हैं ?

 उत्तर - मनुष्य अक्सर समय न मिलने की तथा समय के अभाव की शिकायतें करते रहते हैं । हम अपने को समझ नहीं पाते हैं , यह हमारा आलस्य है ।

 3. नेहरू जी अपने कार्यों का समय प्रबंधन कैसे करते थे ?

 उत्तर - नेहरु जी पर भारत के प्रधान मंत्री होने के नाते बहुत सारी जिम्मेदारियाँ थी , किन्तु फिर भी वे समय का उचित प्रबंधन जानते थे । रोज की आने वाली फाइलों का काम तुरंत निपटा कर दुसरे दिन उन्हें वापस भेज देते थे , उनका प्रयास होता था कि उन्हें एक भी दिन काम में देरी न हो । रोजमर्रा की मुलाकातों , समस्याओं और सहकर्मियों के विचार - विमर्शों के बीच भी वे अपने दैनिक व्यायाम और मनोरंजन के लिए समय निकाल ही लेते थे । 

4. गाँधी जी के समय नियोजन के बारे में अपने विचार लिखिए ।

उत्तर - गाँधीजी जी का जीवन यह प्रमाणित करता है कि यदि हम अपने समय को सोच समझकर विभाजित कर लें और उस समय पर दृढ़ता से आचरण करें तो अपने निश्चित व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य अनेक कार्यों के लिए हमें पर्याप्त समय मिल जायेगा । 

5. सुख समृद्धि एवं शांति प्राप्ति का समय के साथ क्या संबंध है ?

उत्तर - सुख समृद्धि एवं शांति प्राप्ति का समय के साथ बहुत ही गहरा संबंध है । क्योंकि इन तीनों को प्राप्त करने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना होता है । प्रयास में समय का सही उपयोग करना बहुत जरूरी है जो समय की कद्र करना सीख गया , वह सफलता का रहस्य समझ गया ।

 6. कठिन परिस्थितियों में भी अपना संतुलन बनाये रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?

उत्तर - कठिन परिस्थितियों में हम व्यायाम के लिए , चिंतन के लिए एवं अध्ययन के लिए समय निकालकर अपना संतुलन बनाये रख सकते हैं । 

7. विद्यार्थियों के लिए समय नियोजन क्यों महत्वपूर्ण है ?

उत्तर - विद्यार्थियों के लिए समय नियोजन महत्वपूर्ण है । विद्यार्थियों को एक लंबा जीवन जीना है । सफलता की ऊँची ऊँची मंजिलें तय करनी हैं । छात्र यदि समय का सही उपयोग करेंगे तो वे परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होंगे । सामाजिक , साहित्यिक , सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये पर्याप्त समय निकाल लेंगे । निर्धारित समय पर निश्चित कार्य करने से जीवन में सफलता मिलती है । 

8. समय विभाजन के अनुसार कार्य करने से क्या लाभ होते हैं ? 

उत्तर - समय विभाजन के अनुसार कार्य करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं –

( 1 ) अत्यधिक व्यस्त रहते हुए भी सभी कार्यों के लिए पर्याप्त समय मिलता है ।

( 2 ) दैनिक व्यायाम और मनोरंजन कर सकते हैं ।

( 3 ) जीवन में सुख , समृद्धि और शांति प्राप्त होती है । 

9. धन तो आता - जाता रहता है किन्तु गया हुआ समय फिर नहीं आता है कैसे ?स्पष्ट कीजिए । 

उत्तर - समय धन के समान है । समय और धन के हिसाब से सावधानी रखना चाहिए क्योंकि धन तो आता - जाता रहता है किन्तु गया हुआ समय फिर नहीं आता है । समय का बजट बनाना जिसने सीख लिया है , उसने जीने कला सीख ली है , सुख और समृद्धि के भण्डार की कुंजी प्राप्त कर ली है ।

 पाठ से आगे 

1. आप पठन - पाठन के लिए अपने समय का नियोजन किस प्रकार करते है ? एक रूपरेखा बनाइये । 

उत्तर - लेखन के लिए शाम का समय उचित होता है एवं सुबह का समय पठन के लिए उपयुक्त होता है । अत : इसी आधार पर मैं विषयवार समय का विभाजन पठन - पाठन करता हूँ ।

 2. ' समय और लहरें' किसी की प्रतीक्षा नहीं करती हैं । आप कोई ऐसी घटना बताइये जिसमें समय निकल जाने के बाद आपको पछताना पड़ा हो । 

उत्तर - मैं कक्षा 6 वीं में पढ़ता था । मेरे शिक्षक एवं पालक मुझे बार - बार पढ़ाई में ध्यान देने की बात करते थे लेकिन मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया । अंत में मैं कक्षा 6 वीं में अनुत्तीर्ण हो गया जब मुझे लगा कि समय किसी के लिए नहीं रूकता । मैं दोबारा उसी कक्षा में पढ़ा जिससे मुझे बहुत पछतावा हुआ ।

4.समय के कद्र न करने पर लोगों की कौन- कौन से परेशानी हो सकती है।

उत्तर- समय के कद्र  न करने पर असफलता ही हाथ लगती है । सुख , समृद्धी और शांति का नाश हो जाता है।

5. “ समय धन के समान है । इस प्रसिद्ध वाक्य के संबंध में आपकी क्या राय है ? लिखिए ।

उत्तर - समय धन के समान है । समय और धन के हिसाब से सावधानी रखना चाहिए क्योंकि धन तो आता - जाता रहता है किन्तु गया हुआ समय फिर नहीं आता है । समय का बजट बनाना जिसने सीख लिया है , उसने जीने कला सीख ली है , सुख और समृद्धि के भण्डार की कुंजी प्राप्त कर ली है ।

 भाषा तत्व एवं व्याकरण

 प्रश्न 1. जब किसी वाक्य को पढ़ते , लिखते या सुनते समय प्रश्न पुछे जाने का बोध होता है , तो उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं । कोई दस प्रश्नवाचक वाक्यों का निर्माण कीजिए । 

उत्तर -1. आपका नाम क्या है ?

2. मोहन क्या कर रहा है ?

3. फल क्यों खाया जाता है ?

4. दरवाजे पर कौन खड़ा है ?

5. भरत कहाँ रहता है ?

6. राधा कहाँ जा रही है?

7. कौन आया है?

8. श्याम ने उपहार में तुम्हे क्या दिया?

9. गीता अब कैसी है?

10. वे कब आने वाले हैं?

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के तद्भव रूप बनाइये । 

उत्तर - 

आम्र -आम

पद -पग 

चंद्र -चाँद 

रात्रि- रात 

सूर्य - सूरज 

ग्राम -गाँव 

दुग्ध -दूध 

अग्नि -आग 

प्रश्न 3. आप अपने परिवेश में प्रचलित ऐसे शब्दों की सूची बनाइए जो अंग्रेजी भाषा के हैं किन्तु उनका प्रयोग हिन्दी के बहुवचन के नियमानुसार किया जाता है ।

उत्तर - कंपनियों , फैक्ट्रियों , हॉस्पिटलों , डॉक्टरों , टीचरों , हेलिकॉप्टरों , रेल्वे स्टेशनों ।

 प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कीजिये 

समयाभाव-- समय + अभाव( स्वर संधि)

आशातीत- आशा + अतीत(स्वरसंधि)

विद्यार्थी-विद्या + अर्थी ( स्वर संधि)

शिवालय -शिव + आलय( स्वर संधि)

जगन्नाथ- जगत् + नाथ( स्वर संधि)

प्रश्न 5. निम्नांकित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए 

( क ) गरम गाय का दूध अच्छा लगता है ।

शुद्ध - गाय का गरम दूध अच्छा लगता है । 

( ख ) एक फूलों की माला बनाइये ।

शुद्ध - फूलों की एक माला बनाइये ।

( ग ) मेरे लिये ठंडी बरफ लाओ

शुद्ध - मेरे लिये बरफ लाओ ।

( घ ) मेरे को बाजार जाना है ।

शुद्ध - मुझे बाजार जाना है ।

( ङ ) मेरे आँख से आँसू बहता है । 

शुद्ध - मेरी आँखों से आँसू बहते हैं । 

प्रश्न 6. निम्नांकित शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिये

आध्यात्मिक -इक

 आधारित -इत

 नैतिक- इक

सामाजिक- इक 

हर्षित- इत 

मौलिक- इक 

सुभाषित- इत 

प्रश्न 7. निम्नांकित शब्दों से वाक्य बनाइए–

ज्योंही - त्योंही , जब - तब , यद्यपि - तथापि । 

उत्तर - ज्योंही - त्योंही 

ज्यों ही शिक्षक कक्षा में आए , त्यों ही विद्यार्थियों ने खड़े होकर सम्मान किया ।

 जब - तब 

जब वह मेहनत करेगा तब वह भर - पेट भोजन जायेगा ।

 यद्यपि - तथापि 

यद्यपि वह गरीब है तथापि वह ईमानदार है ।

 प्रश्न 8. ' समय की महत्ता ' पर दस वाक्य लिखिए ।

उत्तर -1 . जीवन में सफलता की कुंजी समय का सदुपयोग। 

2. यदि हमने अपने समय को व्यर्थ की बातचीत और आलस नष्ट किया तो सफलता हमसे दूर भागेगी ।

3. समय को सबसे शक्तिशाली माना है ।

4.समय को खोना और जीवन से हाथ धोना एक ही बात है ।

5. समय अनमोल धन है । 

6. जो कार्य शीघ्र करना हो उसे उसी समय करना चाहिये ।

7. ऊँचे आदर्शवादी महापुरुष समय के एक - एक क्षण का आदर करते हैं ।

8. जो समय का सदुपयोग नहीं करते , इसलिये वे पिछड़ जाते हैं।

9. हमें समय का सही उपयोग करना चाहिये , इसी से कार्य करने की प्रेरणा मिलती है । 

10. ' गया वक्त' फिर हाथ नहीं आता । 

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