हिंदी कक्षा 6वीं पाठ -4 दूँगी फूल कनेर के/DUNGI FUL KANER KE/

  पाठ – 4 दूँगी फूल कनेर के

     -श्री गंगा प्रसाद 

1. कुछ कच्चे , कुछ पक्के घर हैं , एक पुराना ताल है । 

सड़क बनेगी , सुनती हूँ , इसका नंबर इस साल है । 

चखते आना टीले ऊपर , कई पेड़ हैं बेर के । 

आना मेरे गाँव तुम्हें मैं , दूंगी फूल कनेर के । 

संदर्भ - प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्यपुस्तक 'भारती के ' दूंगी फूल कनेर के ' पाठ से लिया गया है । इसके कवि श्री गंगा प्रसाद  हैं । 

प्रसंग - इस पद्यांश के माध्यम से कवि ने ग्रामीण जीवन की मनोरम झाँकी प्रस्तुत की है ।

व्याख्या - नन्हीं बालिका कहती है कि आप सभी मेरे गाँव में आइयेगा मैं आपको कनेर का फूल प्रदान करूँगी । ग्राम्य श्री का वर्णन करती हुई कहती है कि गाँव में कई घर बने हुए हैं जिनमें कुछ मिट्टी के बने हुए कच्चे घर हैं , कुछ रेत , सीमेंट से बने हुए पक्के मकान हैं । मैंने सुना है कि ग्राम के विकास के लिए इसवर्ष सरकार सड़क का निर्माण करायेंगी । ऊपर पहाड़ी पर बेर फल के अनेक वृक्ष हैं , जिसके मीठे फलों का स्वाद चखना । 


2. बाबा ने था पेड़ लगाया , बापू ने फल खाये हैं । 

भाई कैसे उसे काटने , को रहते ललचाये हैं ? 

मेरे बचपन में ही आये , दिन कैसे अंधेर के ? 

आना मेरे गाँव तुम्हें मैं , दूंगी फूल कनेर के ।

संदर्भ - प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्यपुस्तक भारती के ' दूंगी फूल कनेर के '  पाठ से लिया गया है । इसके कवि श्री गंगा प्रसाद हैं । 

प्रसंग - इस पद्यांश में कवि ने मानव की उस स्वार्थी प्रवृत्ति को प्रदर्शित किया है कि मनुष्य लालच में वृक्षों को काटने में भी नहीं हिचकता । 

व्याख्या - कवि बालिका के माध्यम से विचार प्रकट करते हुए कहते हैं कि मेरे बाबा ( दादा ) को वृक्षों से विशेष प्रेम था , उन्होंने अपने जीवन काल में वृक्ष लगाया था । उस वृक्ष के मधुर  फलों के स्वाद का आनंद मेरे पिताजी ने लिया है । उन्हीं वृक्षों को आज स्वार्थी लोग चंद पैसों के लिए काटने तत्पर हैं । बाल्यकाल में ही वृक्षों के कटने से क्या मेरा जीवन अंधकारमय नहीं हो जायेगा ।

3. खड़िया - पाटी , कॉपी बस्ते , लिखना - पढ़ना रोज है । 

खेलें - कूदें कभी न तो फिर , यह सब लगता बोझ है । 

कई मुखौटे तुम देखोगे , मिट्टी वाले शेर के । 

आना मेरे गाँव तुम्हें मैं , दूंगी फूल कनेर के । 

संदर्भ - प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्यपुस्तक  भारती के ' दूंगी फूल कनेर के '  पाठ से लिया गया है । इसके कवि श्री गंगा प्रसाद  हैं । 

प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश में कवि ने गाँव की नन्हीं बालिका के भावों को प्रकट किया है ।

व्याख्या - बालिका कहती है कि हम प्रतिदिन स्लेट , पेंसिल , कॉपी और बस्ता लेकर पढ़ते और लिखते हैं । हम कभी भी खेल नहीं खेले हैं । इस संसार में तुम कागज या गत्ते से बनी हुई विशेष व्यक्तियों के मुख की आकृति और शेर के मुखौटे देखोगे ।

4. हँसना - रोना तो लगता ही , रहता है हर खेल में । 

रुठे , कुट्टी कर ली लेकिन , खिल उठते हैं मेल में । 

मगर देखना क्या होता है , मेरी चिट्ठी फेर के , 

आना मेरे गाँव तुम्हें मैं , दूंगी फूल कनेर के । 

संदर्भ - प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्यपुस्तक  भारती के ' दूंगी फूल कनेर के '  पाठ से लिया गया है । इसके कवि श्री गंगा प्रसाद  हैं । 

प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश में कवि ने गाँव की नन्हीं बालिका के भावों को प्रकट किया है । 

व्याख्या - कवि कहते हैं कि मनुष्य के जीवन में हमेशा हँसना - रोना अर्थात् सुख और दुख दोनों ही रहते हैं । यदि एक दूसरे से नाराज हो जाये तो दोस्ती समाप्त कर ली । किन्तु आपस में मित्रता होने से चेहरे प्रसन्नता से खिल जाते हैं । यह देखना कि मेरे पत्र में किन बातों का समावेश रहता है । नन्हीं बालिका अपने गाँव में आने का निमंत्रण देते हुए कहती है कि तुम मेरे ग्राम में आना , मैं शिवजी को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाने हेतु कनेर का फूल दूंगी ।

 शब्दार्थ

कनेर का फूल - एक विशेष फूल 

खड़िया पाटी = प्राचीन काल में प्रयुक्त होने वाली लकड़ी की पाटी और चॉक ( खड़िया ) । 

मुखौटे- कागज या गत्ते से बनी हुई विशेष व्यक्तियों के मुख की आकृतियाँ । 

अभ्यास प्रश्नोत्तर 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए 

1. प्रस्तुत कविता में कौन , किसे अपने गाँव आने के लिए निमंत्रित कर रही है ?

उत्तर - प्रस्तुत कविता में नन्हीं बालिका बच्चों को अपने गाँव आने के लिए निमंत्रित कर रही है ।

2. बालिका अपनी सहेली को गाँव आने के लिए क्या प्रलोभन देती है ? 

उत्तर - बालिका अपनी सहेली को बेर चखने , बचपन के दिन याद करने , पढ़ने - लिखने तथा खेल खेलने का , कनेर के फूल देने का प्रलोभन देती है । 

3. कविता की किन पंक्तियों से बालिका का पर्यावरण प्रेम प्रकट होता है ?

उत्तर - कविता की निम्न पंक्तियों से बालिका का पर्यावरण प्रेम प्रकट होता है " बाबा ने था पेड़ लगाया , बापू ने फल खाये हैं । भाई कैसे उसे काटने , को रहते ललचाये हैं । आना मेरे गाँव तुम्हें मैं दूंगी फूल कनेर के ।

4. " हँसना रोना तो लगा ही रहता है , हर खेल में " कविता की इस पंक्ति का क्या आशय है ? 

उत्तर - इस पंक्ति से आशय खेल में गिरकर रोने और खेल में मस्त होकर हँसने से है । जीवन में इसी प्रकार खेल की तरह हँसना - रोना लगा रहता है , सुख - दु : ख आते जाते हैं । 

5. ' कई मुखौटे तुम देखोगे मिट्टी वाले शेर के' कविता की इस पंक्ति में मुखौटे और मिट्टी वाले शेर का किन अर्थों में प्रयोग हुआ है ?

उत्तर - मिट्टी वाले शेर का अर्थ है कि जिसका कोई उपयोग न हो किन्तु जो दिखने में सुंदर हो । यहाँ उन बच्चों को संकेत किया गया जो केवल पढ़ते - लिखते हैं , लेकिन खेल कूद पर ध्यान नहीं देते हैं । 

6. “ मेरे बचपन में ही आये , दिन कैसे अँधेर के ” इस पंक्ति में बालिका के मन का क्या भाव प्रकट होता है ? 

उत्तर - इन पंक्ति में पेड़ काटने को लेकर निराशा के भाव बालिका के मन में आये , क्योंकि पर्यावरण के दूषित हो जाने से उसके मन में अँधेरा छा जाता है।

 पाठ से आगे 

1. बालिका बता रही है कि इस साल उसके गाँव में सड़क बनेगी । सड़क के बन जाने से गांव और वहाँ के लोगों के जीवन में क्या परिवर्तन हो सकते हैं ? 

उत्तर - सड़क बन जाने से गाँव में कई तरह के परिवर्तन देखे जा सकते हैं । गाँववासी के दैनिक जीवन में काम आने वाले वस्तुओं की उपलब्धता समय पर हो जाती है । सड़क बनने से गाँव का सीधा संबंध शहर से हो जाता है । जिससे समय , श्रम और धन की बचत होती है । 

2. बालिका के भाई पेड़ को क्यों काटना चाहते हैं ? पेड़ काटने के क्या नुकसान हैं ? अपने विचार लिखिए । 

उत्तर - पेड़ काटने से हमारा पर्यावरण असंतुलित हो जाता है क्योंकि गर्मी बढ़ जाती है , वर्षा कम होती है , Co , की मात्रा बढ़ने से वायु प्रदूषित हो जाता है जिससे सभी जीवों को तकलीफ होती है ।

3. गाँव में कुछ पर कच्चे और कुछ घर पक्के हैं ? आपको कच्चा घर अच्छा लगता है या पक्का घर ? उसका कारण श्री लिखिए । 

उत्तर - मुझे कच्चा घर अच्छा लगता है क्योंकि कच्चे घर कम खर्च में बन जाते हैं और कच्चे घर में गर्मी भी कम पड़ती है । कच्चे घर बनाने में स्थानीय वस्तुओं का उपयोग करते हैं ।

4. बालिका के गाँव में एक पुराना तालाब है । तालाब क्या होता है ? तालाब को अगर पाट दिया जाए तो उससे गाँव किस तरह प्रभावित होगा ? विचार कर लिखिए । 

उत्तर - तालाब एक ऐसा स्थान होता है जिसके चारों ओर मजबूत एवं चौड़े मेड़ होते हैं और बीच में बहुत गहराई तक गड्डे बनाये जाते हैं जिसमें वर्षा का पानी इकट्ठा होता है । यदि इस तालाब को पाट दिया जाय तो गांव में पानी को संकट उत्पन्न हो जायेगी क्योंकि गांव के लोग तालाब के पानी से हो अपना एवं पशुओं का गुजारा करते हैं । 

5. कुट्टी करने की स्थिति कब आती है ? आपने भी अपने किसी मित्र से कुट्टी अवश्य की होगी । उसकी वजह लिखिए और यह भी लिखिए कि फिर कब आपको पुनः दोस्ती हो गई ?

उत्तर - आपस में मतभेद होने पर कुट्टी को स्थिति आती है।यह अक्सर छोटे बच्चों द्वारा खेल - खेल में होते हुए देखा जा सकता है फिर पुनः खेल - खेल में ही दोस्ती हो जाती है ।

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1 Comments

  1. Nice explanation. I made this lesson 3 yrs ago for online class. Take a look
    Hope you like it.
    https://youtu.be/7e5jHGUE7SQ?si=1cRnrpCZuEqLnsr_

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