इतिहास कक्षा -आठवीं अध्याय -2 भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी शासन की स्थापना/

 अभ्यास प्रश्न



 प्रश्न 1. खाली स्थान भरिए

 ( 1 ) यूरोप से भारत पहुँचने के लिए समुद्री मार्ग की खोज वास्कोडिगामा ने की थी ।

( 2 ) यूरोपीय व्यापार से भारत को सोना एवं चांदी प्राप्त होता है । 

( 3 ) अंग्रेजों ने मद्रास के सेंट फोर्ट जॉर्ज किले में अपना कारखाना स्थापित किया ।

(4) फ्रांसिस मार्टिन ने पांडिचेरी नगर की स्थापना की । 

(5) अंग्रेजों ने प्रारंभ में कलकत्ता को अपनी राजधानी बनाया ।

 प्रश्न 2. उचित सम्बन्ध जोड़िए 

1. पेरिस की संधि -   अंग्रेज मराठा युद्ध । 

2. इलाहाबाद की संधि-बक्सर का युद्ध।

3. बेसिन की संधि-कर्नाटक युद्ध

4. श्रीरंगपट्टनम की संधि-मैसूर युद्ध

  प्रश्न 3. सही क्रम दीजिए

अंग्रेज गवर्नरों का भारत आगमन जिस क्रम में हुआ , उसी क्रम में इन नामों को व्यवस्थित करें

(1 ) वेलेजली ( 2 ) कार्नवालिस ( 3 ) लार्ड हेस्टिंग्स

( 4 ) विलियम बैंटिंग ( 5 ) डलहौजी ।

उत्तर- ( 1 ) लार्ड वारेन हेस्टिंग्स ( 1772-85 )

( 2 ) कार्नवालिस ( 1786-93 ) 

( 3 ) लार्ड वेलेजली ( 1798-1805 ) 

( 4 ) लार्ड विलयम बैंटिंग ( 1828-35 )

( 5 ) लार्ड डलहौजी ( 1848-1856 ) ( टीप - क्लाइव 1757-60 व 1765-67 तक बंगाल के गवर्नर थे गवर्नर जनरल नहीं )

 प्रश्न 4. प्रश्नों के उत्तर दीजिए

( 1 ) भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था ? 

उत्तर- भारत का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिग्स था ।

(2 ) हैदर अली कहाँ का शासक था ? 

उत्तर- हैदर अली मैसूर का शासक था । 

( 3 ) अंग्रेजों व फ्रांसीसियों के बीच कौन - सा युद्ध हुआ ?

 उत्तर- अंग्रेजों व फ्रांसीसियों के बीच कर्नाटक युद्ध हुआ था । 

( 4 ) बक्सर युद्ध के बाद अंग्रेजों को किस इलाके से भू राजस्व वसूलने का अधिकार प्राप्त हुआ था ?

 उत्तर - बक्सर युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल , बिहार और उड़ीसा राज्यों में भू - राजस्व वसूलने का अधिकार मिल गया ।

( 5 ) प्लासी युद्ध से अंग्रेजों को क्या लाभ हुआ ?

 उत्तर- प्लासी युद्ध ने अंग्रेजों को आर्थिक दृष्टि से मालामाल बना दिया । अंग्रेजों ने मीरजाफर को नवाब बनाकर उससे अपार धन वसूला और व्यापारिक सुविधाएँ प्राप्त की । किन्तु मीरजाफर अंग्रेजों के हस्तक्षेप और आर्थिक शोषण को ज्यादा दिन तक झेल न सका । आखिरकार अंग्रेजों ने षड्यंत्रपूर्वक उसे सत्ता से निकाल बाहर किया और मीर कासिम को बंगाल का नवाब घोषित कर दिया । अंग्रेजों ने दबाव बनाकर उससे चटगाँव , वर्द्धमान और

मिदनापुर जिलों का राजस्व वसूलने का स्थायी अधिकार भी उससे छीन लिया और उससे भी अपार धन ऐंठ लिया । अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण से तंग आकर मीर कासिम ने बंगाल में लागू सारे कर समाप्त कर दिया और कम्पनी के कर्मचारियों को चुंगी देने के लिए बाध्य कर दिया । इससे अंग्रेजों को मिलने वाली सारी सुविधाएँ समाप्त हो गई और दोनों के बीच संघर्ष प्रारंभ हो गया ।



 ( 6 ) द्वैत शासन को समझाइये?

उत्तर - लार्ड क्लाइव ने सन् 1765 में एक कानून लागू किया , जिसे द्वैत शासन प्रणाली के नाम से जाना जाता है । इस कानून में यह व्यवस्था दी गई थी कि बंगाल में राजस्व वसूली करने का अधिकार कम्पनी की होगी , उसे अपनी सुरक्षा के लिए सैनिक रखने का अधिकार होगा , जिसका खर्च नवाब वहन करेगा । राज्य में सुशासन और व्यवस्था सम्बन्धी सारे कार्य नवाब का होगा । द्वैत शासन प्रणाली अपनाने के कारण - द्वैत शासन प्रणाली लागू करने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

 ( 1 ) यदि कम्पनी बंगाल में पूर्णत : अधिकार कर लेती तो लाभ कम और दायित्व बढ़ जाता है । 

( 2 ) तब अंग्रेजों के पास योग्य और प्रशिक्षित प्रशासकों की संख्या कम थी । 

( 3 ) यदि बंगाल पर प्रत्यक्ष अधिकार अंग्रेजों के हाथ में आ जाता तो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का शिकार होना पड़ता । 

( 4 ) कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स पूरे बंगाल को लेने के मत में नहीं था । 

( 5 ) इससे अंग्रेजों को व्यापार में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता था ।

 प्रभाव - द्वैत शासन प्रणाली लागू होने के पूर्व यहाँ के किसानों से लगान वसूली फसलों के उपज के आधार पर की जाती थी किन्तु अब अंग्रेज जमीन के अनुपात में कर वसूलने लगे । कम खर्च में लगान वसूलने एवं कम्पनी के लिए वार्षिक मुनाफा दिलाने के लिए कर वसूली को ठेके में देना प्रारंभ कर दिए । ठेकेदार अपनी मर्जी से और अपनी जेबें भरने के लिए मनमाने कर वसूलते थे और उसमें से एक निश्चित मात्रा ही अंग्रेजों को दिया करते थे । इस प्रकार ठेकेदार और कम्पनी के कर्मचारियों ने किसानों का खूब शोषण किया । यहाँ तक कि सन् 1770 के घोर अकाल में भी ठेकेदारों ने किसानों से बलपूर्वक लगान वसूल किया , जिससे किसानों की माली हालत चरमरा गई । सन् 1772 में तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने इस विवादित कानून को समाप्त कर दिया ।

 ( 7 ) वेलेजली की सहायक संधि की शर्तों को बताइये ।

 उत्तर - लार्ड वेलेजली जब भारत का गवर्नर जनरल बनकर आया तो उसने ब्रिटिश भारत के दूसरे अध्याय का शुभारंभ किया । इसके लिए उसने जो साम्राज्य विस्तार की नीति अपनाई भारतीय इतिहास में सहायक संधि ' के नाम से विख्यात है ।

वेलेजली  की सहायक संधि की मुख्य शर्ते निम्नलिखित हैं -

( 1 ) सहायक संधि स्वीकार करने वाले प्रत्येक राज्य को अपने आस - पास अंग्रेज सेना रखनी पड़ती थी , जिसका खर्च राज्य को स्वयं उठाना पड़ता था ।

( 2 ) अपनी सेना से अंग्रेजों के अतिरिक्त सभी यूरोपीय लोगों को हटाना आवश्यक था । 

( 3 ) एक अंग्रेज रेजीडेंट ( प्रतिनिधि ) रखना आवश्यक था जिसकी सलाह से वे शासन कर सकते थे । 

( 4 ) अन्य देशों से कूटनीतिक संधि करने से पहले अंग्रेजों से अनुमति लेना जरूरी था । 

( 5 ) कम्पनी को वार्षिक कर देना पड़ता था । 



( 8 ) डलहौजी की हड़प नीति पर प्रकाश डालिए । 

उत्तर- भारत में गवर्नर जनरल की हैसियत से डलहौजी ने सर्वाधिक अन्यायपूर्ण तरीके से देशी राज्यों को परेशान किया । वह देशी शासकों से घृणा करता था और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य का विरोधी मानता था । डलहौजी ने भारत में अपनी नीतियों का क्रियान्वयन इस प्रकार किया जिससे इंग्लैण्ड के साम्राज्यवाद के साथ ही आर्थिक हितों की रक्षा की जा सके । भारत में अंग्रेजी साम्राज्य का विस्तार करने के लिए डलहौजी ने मुख्यतः तीन नीतियों का पालन किया –

( 1 ) नि : संतान राजाओं के दत्तक पुत्रों के अधिकार को न मानते हुए उनका राज्य अंग्रेजी राज्य में मिला लेना ।

( 2 ) कुशासन के आधार पर देशी राजाओं को हटाकर राज्य को अधिकार में कर लेना । 

( 3 ) युद्ध द्वारा राज्यों को जीत लेना । डलहौजी ने पहली नीति के अनुसार सतारा , जैतपुर , झाँसी , नागपुर , उदयपुर आदि में कब्जा कर लिया । दूसरी नीति के तहत अवध पर अपना अधिकार जमा लिया और युद्ध के द्वारा पंजाब प्रांत को अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया । 

( 9 ) बैंटिंग के प्रशासनिक सुधारों को बताइये । 

उत्तर- विलियम बैंटिंग की गणना सुधारक गवर्नर जनरल के रूप में की जाती है , वह युद्ध के बदले शांति का समर्थक था । लगातार युद्धों के कारण कम्पनी की आर्थिक स्थिति शोचनीय हो गई थी । भारतीयों में प्रशासन के प्रति अत्यन्त असंतोष की भावना थी अत : उन्हें दूर करने के लिए निम्न प्रशासनिक सुधार किया गया ।

( 1 ) भारतीयों को भी अंग्रेजों के समान उच्च पदों पर नियुक्ति का प्रावधान किया ।

 (2) राजस्व वसूलने के लिए उसने टोडरमल की बन्दोबस्त व्यवस्था को अपनाया और वर्षों के लिए लगान निश्चित करवाया ।

 ( 3 ) इन दिनों यूरोप में इंग्लैण्ड और रूस के बीच तनाव चल रहा था अंग्रेजों को डर था कि रूस अफगानिस्तान के माध्यम से भारत पर आक्रमण कर सकता है । अत : बैंटिंग ने वहाँ के अमीरों को सहायक संधि के लिए बाध्य किया और अंततः सिन्ध तथा पंजाब पर भी अधिकार कर लिया ।



 ( 10 ) अगर प्लासी के युद्ध में सिराजुददौला जीत जाता तो क्या होता ? 

 उत्तर- अगर प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला जीत जाता तो अंग्रेज व फ्रांसिसी दोनों ही व्यापारिक सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं कर पाते तथा अंग्रेजों को आर्थिक लाभ भी नहीं होता । 

( 11 ) यदि यूरोपीय देशों के उपनिवेश नहीं होते तो उन देशों की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता ?

 उत्तर- यदि यूरोपीय देशों के उपनिवेश नहीं होते तो उन देशों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब होती । यूरोपीय देशों के लोग अपने माल का उत्पादन कर उसे अन्य देशों को बेच नहीं पाते जिससे उन्हें आर्थिक लाभ नहीं होता । 

परीक्षोपयोगी अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


 प्रश्न 1.  सही विकल्प चुनिए

 1 . सहायक संधि किस अंग्रेज अधिकारी द्वारा लागू की गई 

(अ ) लार्ड डलहौजी द्वारा

( ब ) लार्ड मैकाले द्वारा

( स ) लार्ड वेलेजली द्वारा

( द ) लार्ड कर्जन द्वारा 

उत्तर- (स)लार्ड वेलेजली द्वारा।

 2. प्लासी का युद्ध किस सन् में लड़ा गया ? 

( अ ) 1775 में

( ब ) 1857 में

( स ) 1657 में

 ( द ) 1757 में । 

उत्तर- (द)1757 में।

3. लार्ड डलहौजी ने कौन - सी नीति लागू की थी ? 

( अ ) सहायक संधि व्यवस्था

( ब ) स्थायी बन्दोबस्त

( स ) विलय ( हड़प ) नीति 

( द ) संधि व्यवस्था । 

उत्तर - (स)विलय(हड़प) नीति

4. बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों को किस अधिकारी के नेतृत्व में विजय प्राप्त हुई ? 

( अ ) वाट्सन 

( ब ) मुनरो 

( स ) क्लाइव

( द ) डलहौजी । 

उत्तर - (स) क्लाइव



प्रश्न 2. उचित संबंध जोडिए

 उत्तर-  

क्र .          घटना                 लॉर्ड का नाम 

1. तीसरा अंग्रेज मैसूर युद्ध- लार्ड कॉर्नवालिस

2. पहला अंग्रेज मैसूर युद्ध- वारेन हेस्टिंग्स

3. टीपू सुल्तान की हार और मृत्यु- लार्ड वेलेजल

4. पिंडारियों के खिलाफ लड़ाई- वारेन हेस्टिंग्स 

5. रूहेलों के खिलाफ लड़ाई - वारेन हेस्टिंग्स

6. बसीन की संधि -लॉर्ड वेलेजली।

7. दूसरा अंग्रेज सिक्ख युद्ध-लार्ड डलहौजी।

8. अवध का ब्रिटश साम्राज्य में शामिल होना-  लार्ड डलहौजी।

प्रश्न 3. सत्य / असत्य लिखिए

 ( 1 ) बंगाल में दैत शासन स्थापित हुआ था ।सत्य

 ( 2 ) प्लासी के युद्ध के समय सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब था ।सत्य

 ( 3 ) सहायक संधि के जनक डलहौजी थे ।असत्य

 ( 4 ) लार्ड वेलेजली ने हड़प नीति शुरू किया था ।  असत्य

( 5 ) भारत में पहली रेलगाड़ी मुम्बई और थाणे के बीच चली।सत्य

प्रश्न 4. इन घटनाओं को तिथि क्रम में मिलाइए 

1.बक्सर युद्ध 1764

2. प्लासी युद्ध 1757

3. बंगाल में अकाल 1770

4. रेग्यूलेटिंग एक्ट 1772

 प्रश्न 5. भारत आने वाला पहले यूरोपीय का नाम बताइये 

उत्तर - वास्को डिगामा । 

प्रश्न 6. भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना कब और कहाँ हुई ?

 उत्तर - सन् 1609 ई . में सूरत में ।

 प्रश्न 7. बक्सर का युद्ध कब , कहाँ हुआ ?

 उत्तर - 22 अक्टूबर 1764 , बक्सर



प्रश्न 8. इलाहाबाद की संधि कब और किनके मध्य हुई थी ?

 उत्तर - मई 1765 , क्लाइव और अवध नवाब तथा मुगल सम्राट । 

प्रश्न 9. लार्ड डलहौजी भारत कब आया ?

 उत्तर - सन् 1448 

प्रश्न 10. द्वैत शासन का अंत कब हुआ ? 

उत्तर - सन् 1772

प्रश्न 11. पंजाब पर अंग्रेजों का कब्जा कब हुआ

 उत्तर - सन् 1846

प्रश्न 12. लाहौर संधि कब और किनके मध्य हुई थी ?

 उत्तर - सन् 1846 , अंग्रेजों व पंजाब शासक । 

प्रश्न 13. प्लासी के युद्ध का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण परिणाम क्या था ?

 उत्तर - बंगाल में अंग्रेजों का शासन स्थापित होना।

 प्रश्न 14. किस गवर्नर ने बंगाल में दोहरी शासन ( द्वैत शासन ) को स्थापना की ?

 उत्तर-  लार्ड क्लाइव । 

प्रश्न 15. भारत में भूमि का स्थाई बन्दोबस्त कब और किसने की ?

उत्तर - सन् 1833 लार्ड विलियम बैंटिंग । 

प्रश्न 16. द्वितीय मैसूर युद्ध कब और किनके मध्य हआ ? 

उत्तर - सन् 1780 , अंग्रेजों व हैदर अली ।

 प्रश्न 17. श्रीरंगपट्टनम की संधि कब और किनके मध्य हुई ? 

उत्तर - सन् 1792 , अंग्रेजों व टीपू सुल्तान ।

प्रश्न 18. भारतीय इतिहास में सहायक संधि की शुरुआत किसने की ? 

उत्तर- लार्ड वेलेजली ।

 प्रश्न 19. किस गवर्नर जनरल को सुधारक की संज्ञा दी जाती है ?

उत्तर - विलियम बैंटिंग ।

 प्रश्न 20. चुंगी कर किसे कहते हैं ? 

उत्तर- एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापारिक माल लाने ले जाने पर वहाँ के राजा को जो कर देना पड़ता था , उसे चुंगी कर कहते थे ।

 प्रश्न 21. यूरोपीय व्यापारी भारत क्यों आते थे ?

 उत्तर- ( 1 ) यूरोपीय देशों में भारतीय मसालों , कपड़ों और नील की भारी माँग थी । अत : यूरोपीय व्यापारी यहाँ से सस्ते में इन चीजों को खरीद कर महँगे दामों पर उसे बेचते थे ।

 ( 2 ) यूरोपियों को अपनी वस्तुओं के विक्रय के लिए बाजार की आवश्यकता थी , जो भारत आकर पूरी हो जाती थी ।

 ( 3 ) समुद्रीय मार्ग से व्यापार करना सस्ता था ।

 प्रश्न 22. विदेशी व्यापारियों ने किन - किन स्थानों को अपना व्यापारिक केन्द्र बनाया ? 

उत्तर- पुर्तगाली , डच , फ्रांसीसी व इंग्लैण्ड देशों के व्यापारी हमारे देश में व्यापार करने आए और उन्होंने भारत के अलग अलग स्थानों को अपना व्यापारिक केन्द्र बनाया ।

( 1 ) पुर्तगालियों ने गोव , दमन और दीव में कारखाने खोले । 

( 2 ) डचों ने सूरत , संभार , पटना व मछलीपट्टनम में कारखाने खोले ।

( 3 ) फ्रांसीसियों ने मार्टिन और पाण्डिचेरी में कारखाना स्थापित किया । 

( 4 ) अंग्रेजों ने बम्बई , मद्रास और कोलकाता से अपना व्यापार शुरू किया । 



प्रश्न 23. कोठी से आशय स्पष्ट कीजिए । 

उत्तर- अंग्रेजों के कारखानों को उस समय कोठी कहा जाता था । यह ऐसा किलेबंद क्षेत्र था , जिसमें कम्पनी का गोदाम , दफ्तर तथा कम्पनी के कर्मचारियों के रहने के लिए घर भी यहीं बना होता था । कोठी की सुरक्षा के लिए यहाँ सैनिक टुकड़ियाँ भी रखी जाती थीं ।

 प्रश्न 24. कर्नाटक में हुए युद्ध के कारणों का वर्णन कीजिए । 

उत्तर- ( 1 ) यूरोप में अस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध आरंभ हो गया , जिसमें इंग्लैण्ड और फ्रांस एक - दूसरे के शत्रु बन गए । इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ा और दोनों कम्पनियों के मध्य संघर्ष शुरू हो गया । 

( 2 ) उस समय अंग्रेजों का व्यापारिक केन्द्र मद्रास और फ्रांसीसियों का पाण्डिचेरी था । ये दोनों ही कर्नाटक राज्य के नवाब के अधीन था दोनों कम्पनी कर्नाटक में व्यापार का विस्तार कर लाभ कमाने का प्रयास करने लगे और इसी संघर्ष ने कर्नाटक युद्ध को जन्म दिया । 

प्रश्न 25. प्लासी युद्ध किनके मध्य हुआ तथा इसका परिणाम क्या हुआ ? 

उत्तर- प्लासी का युद्ध सिराजुद्दौला और अंग्रेजों के मध्य - सन् 1757 को प्लासी नामक स्थान में हुआ । इस युद्ध में अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला के सेनापति को षड्यंत्र करके अपने पक्ष में मिला लिया था । सेनापति मीरजाफर के विश्वासघात के कारण नवाब की हार हुई । इस युद्ध में अंग्रेजों को अत्यधिक आर्थिक लाभ - हुआ । अंग्रेजों ने मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया और में उनसे अपार धन की वसूली की ।

 प्रश्न 26. बक्सर युद्ध का वर्णन कीजिए ।

उत्तर - बंगाल में अंग्रेजों के बढ़ते हस्तक्षेप को रोकने के लिए नवाब मीर कासिम , अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय - ने संयुक्त सेना तैयार की और अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी । यह युद्ध सन् 1764  को बिहार के बक्सर नामक स्थान में हुआ , इसलिए यह इतिहास में बक्सर युद्ध के नाम से जाना जाता है । इस युद्ध मे संयुक्त सेना की हार हुई और अंग्रेज जीत गए । इस युद्ध का अन्त इलाहाबाद संधि से हुआ ।

प्रश्न 27. रेग्युलेटिंग एक्ट क्या है ? 

 उत्तर- सन् 1772 में इंग्लैण्ड के संसद में भारतीय सुशासन हेतु एक विधेयक पारित किया गया , जिसे रेग्युलेटिंग एक्ट कहा

जाता है । इस एक्ट में वारेन हेस्टिंग्ज को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया था और बंगाल में अंग्रेजों का सीधा शासन स्थापित हो गया था । तब भारत की राजधानी कलकत्ता को बनाया गया ।

 प्रश्न 28. टीपू सुल्तान का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।

 उत्तर - टीपू सुल्तान , हैदरअली का पुत्र था । वह उसके मृत्यु के बाद मैसूर का नवाब बना । वह विद्वान और बहादुर सैनिक था । उसे कई भाषाओं का ज्ञान था । उसकी फ्रांस और तुर्की देशों से अच्छे सम्बन्ध थे । अंग्रेज हमेशा उसे शंका और भय की दृष्टि से देखते थे । सही मायने में टीपू सुल्तान एक योग्य शासक , कुशल कुटनीतिज्ञ और असाधारण योद्धा थे ।

 प्रश्न 29. सहायक संधि क्या है ? इसके दो उद्देश्य बताइये ।

 उत्तर- लार्ड वेलेजली जब गवर्नर जनरल बनकर भारत आया तो उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के लिए , जिन नीतियों को लागू किया , उसे भारतीय इतिहास में सहायक संधि के नाम से जाना जाता है । इस संधि के दो उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

( 1 ) कम्पनी द्वारा जीते गए राज्यों को सुरक्षित रखना । 

( 2 ) कम्पनी के राज्यों को सुरक्षित रखने के लिए पड़ोसी राज्यों से विश्वसनीय मैत्री सम्बन्ध स्थापित करना ।

 प्रश्न 30 . वेलेजली ने सहायक संधियों क . क्रियान्वयन किस प्रकार किया ?

 उत्तर- वेलेजली ने अपने सहायक संधि का क्रियान्वयन सबसे पहले हैदराबाद के निजाम से किया । इसके बाद अवध के नवाब से भी संधि की । जब उन्होंने मैसूर के नवाब टीपू सुल्तान ' पर संधि का दबाव बनाया तो उन्होंने इंकार कर दिया परिणामस्वरूप दोनों के बीच मैसूर में युद्ध हुआ और टीपू सुल्तान वीरगति को प्राप्त हुआ । इसी प्रकार अंग्रेजों ने कर्नाटक , तंजौर और सूरत आदि राज्यों को भी इस संधि का क्रियान्वयन कर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया ।

 प्रश्न 31 . क्यों और किन परिस्थितियों में भारतीय शासक अंग्रेजों के साथ सहायक संधियों में शामिल हो गये ?

उत्तर- सहायक संधि की नीति लार्ड वेलेजली ने आरम्भ की थी । इसके अनुसार इस संधि को मानने वाले राजा को बाहरी आक्रमण और आन्तरिक संकट के समय सुरक्षा का वचन अंग्रेज देते थे । बदले में उन्हें अपनी विदेश नीति अंग्रेजों की इच्छा के अनुसार चलानी पड़ती थी । उस समय लगभग सभी भारतीय शासक आपस में लड़ते - झगड़ते रहते थे और उन्हें सदा बाहरी आक्रमण का भय बना रहता था । वे इस भय से मुक्ति पाना चाहते थे । सहायक संधि द्वारा उनका यह उद्देश्य पूरा हो जाता था । इसी कारण अनेक भारतीय शासकों ने सहायक संधि स्वीकार कर ली ।

 प्रश्न 32. स्थायी बन्दोबस्त से किसानों की अपेक्षा जमींदारों को अधिक लाभ कैसे पहुँचा ?

उत्तर- स्थायी बन्दोबस्त के कारण जमींदारों को बहुत ला हुआ , अब वे भूमि के स्थायी स्वामी बन गए । उनको भूमि बेला या बदलने का अधिकार मिल गया । वे निश्चित लगान देते । परन्तु किसानों से अपनी इच्छानुसार लगान वसूल करते थे ।कोई किसान लगान न देता तो उसकी जमीन छीन ली जाती थी । अधिकतर जमींदार शहरों में विलासी जीवन बिताते थे , जबकि किसान गरीबी और भूख में अपना जीवन व्यतीत करते थे । अत : कहा जा सकता है कि स्थायी बन्दोबस्त से किसानों की अपेक्षा जमींदारों को अधिक लाभ पहुँचा । 

प्रश्न33-अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच झगड़े के क्या कारण थे ? 

उत्तर- अठारहवीं शताब्दी के दौरान भारत में अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के बीच झगड़े के निम्नलिखित कारण थे –

( 1 ) व्यापार में एकाधिकार करने के लिए अंग्रेज और फ्रांसीसी दोनों प्रयत्न करते थे ।

 ( 2 ) अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए भारतीय माल खरीदने की होड़ के कारण अंग्रेज और फ्रांसीसी आपस में लड़ते रहते थे ।

 ( 3 ) अंग्रेज और फ्रांसीसी भारत में राजनीति सत्ता पर अधिकार प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनाने में लगे थे ।

 ( 4 ) दोनों के प्रधान कार्यालय पास - पास थे ।

प्रश्न 34. सिराजुद्दौला को अंग्रेजों ने कैसे आसानी से हरा दिया ?

 उत्तर -23 जून , 1757 ई . में प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों ने बंगाल के नवाब को आसानी से हरा दिया । उसकी हार के मुख्य कारण थे ।

( 1 ) अंग्रेजों की कूटनीति - अंग्रेजों ने नवाब के एक सेनापति मीरजाफर को अपनी ओर मिला लिया । बंगाल के जगत सेठ ने भी इस षड्यन्त्र में अंग्रेजों की सहायता की ।

 ( 2 ) मीरजाफर का विश्वासघात - प्लासी के युद्ध के समय मीरजाफर और उसके अन्य सहयोगियों ने लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया ।

 प्रश्न 35. अंग्रेजी कम्पनी ने मीर कासिम को बंगाल का नवाब बनाया था किन्तु बाद में कम्पनी उसके खिलाफ क्यों हो गयी ?

उत्तर- अंग्रेज कम्पनी ने मीर कासिम को बंगाल का नवाब बनाया था । अंग्रेज उसे कठपुतली बनाकर रखना चाहते थे , परन्तु मीर कासिम स्वतन्त्र रूप से शासन करना चाहता था । अत : उसने निम्नलिखित कार्य किए जिससे कम्पनी उसके विरुद्ध हो गई-


 1 . अफसरों को हटाना - मीर कासिम ने ऐसे अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया जो अंग्रेजी कम्पनी के पक्षपाती थे । उनके स्थान पर अपने विश्वासपात्र नये अधिकारी नियुक्त किये ।

 2. सेना का पुनर्गठन - कम्पनी की सेना का मुकाबला करने के लिए मीर कासिम ने अपनी सेना का पुनर्गठन किया । उसने सैनिकों को यूरोपीय ढंग से प्रशिक्षण दिलाया ।

प्रश्न 36. मराठों के इलाकों को अंग्रेजों ने कैसे जीत लिया ?

 उत्तर - तृतीय मराठा युद्ध ने मराठों को पूर्णत : बर्बाद कर दिया । पेशग देकर उत्तर भारत में निर्वासित कर दिया गया । कुछ ही वर्षों में पेशवा के इलाके अंग्रेजों के साम्राज्य के हिस्से बन गये । अन्य मराठा सरदारों ने भी अपने अधिकांश इलाके खो दिये । मराठा सरदार ब्रिटिश रेजिडेंटों की अधीनता में आ गये । इस प्रकार मराठों के इलाके अंग्रेजों ने जीत लिये । 

प्रश्न 37. डलहौजी द्वारा किए गए प्रशासनिक सुधारों का परिचय दीजिए ।

 उत्तर - लार्ड डलहौजी द्वारा किए गए प्रशासनिक सुधार निम्न हैं- 

 ( 1 ) डाक व तार व्यवस्था का विस्तार । 

( 2 ) कमिश्नरी प्रणाली शक्ति लागू करना ।

 ( 3 ) परिवहन व संचार के क्षेत्र में व्यापक बदलाव । 

( 4 ) शिक्षा आयोग का गठन ।

 ( 5 ) रेल सेवा का शुभारंभ - भारत में पहली रेलगाड़ी सन् 1853 में मुम्बई से थाणे के बीच चली । 

प्रश्न 38. अंग्रेजों और मैसूर के राजाओं के बीच हुए झगड़ों पर प्रकाश डालिये ।

 उत्तर - अंग्रेजों और मैसूर के राजाओं के बीच चार युद्ध एवं हुए । उनका वर्णन इस प्रकार है–

 ( 1 ) प्रथम युद्ध - पहली लड़ाई हैदर अली और अंग्रेजों के मित बीच हई । 1769 ई . में अंग्रेजों को पराजय का मुंह देखना पड़ा । संधि अंग्रेजों ने हैदर अली से एक संधि कर ली । इस संधि के अनुसार औ दोनों ने बाहरी आक्रमण के समय एक - दूसरे की सहायता करने का वचन दिया ।

 ( 2 ) द्वितीय युद्ध - अंग्रेजों ने हैदर अली के साथ हुई संधि का पालन नहीं किया । जब मराठों ने मैसूर पर आक्रमण किया तब का अंग्रेजों ने मैसूर राज्य की सहायता नहीं की । अंग्रेजों ने फ्रांसीसी बन्दरगाह माहे पर अधिकार कर लिया । मैसूर का सार व्यापार शा इस बन्दरगाह से होता था । 1780 ई . में हैदरअली की मृत्यु हो गई । उसके पुत्र टीपू सुल्तान ने युद्ध जारी रखा । सन् 1784 में द्वितीय मैसूर युद्ध समाप्त हो गया । सन्धि के अनुसार दोनों ने एक - दूसरे के जीते हुए प्रदेश लौटा दिये ।

 ( 3 ) तृतीय युद्ध - तृतीय मैसूर युद्ध टीपू सुल्तान के साथ अंग्रेजों ने पुरानी शत्रुता के कारण किया । इस लड़ाई में टीपू सुल्तान की हार हुई । उसे सन्धि में बहुत से प्रदेश देने पड़े । 

( 4 ) चतुर्थ मैसूर युद्ध - चौथे युद्ध में भी टीपू सुल्तान अंग्रेजों से हार गया । सन् 1799 में युद्ध के मैदान में वीर गति को प्राप्त हुआ । उसकी मृत्यु के बाद ब्रिटिश शक्ति के साथ युद्ध करने के लिये कोई भी शक्तिशाली राजा नहीं रहा । 

प्रश्न 39. सन् 1772 में वारेन हेस्टिग्ज के बंगाल का गवर्नर बनने के समय भारत की राजनीतिक स्थिति कैसी व थी ?

 उत्तर - सन् 1772 में वारेन हेस्टिंग्ज बंगाल का गवर्नर बना । उसके समय - भारत की राजनीतिक दशा अच्छी नहीं थी । उस समव की स्थिति निम्न थी–

 ( 1 ) अंग्रेजों को बंगाल , बिहार और उड़ीसा के दीवानी अधिकार प्राप्त हो चुके थे । वे ही इन प्रान्तों के वास्तविक शासक बन गये थे । 

( 2 ) अवध और कर्नाटक के नवाब अंग्रेजों पर आश्रित थे एक प्रकार से वहाँ भी कम्पनी का राज्य था । 

( 3 ) मराठे भारत की मुख्य शक्ति थे । उन्होंने पानीपत की तृतीय लड़ाई में अपनी खोई हुई शक्ति को पुनः प्राप्त कर लिया था 

( 4 ) दक्षिण भारत में हैदराबाद और मैसूर के राज्य भी काफी शक्तिशाली थे ।



 प्रश्न 40.  बक्सर की लड़ाई के क्या परिणाम हुए ?

 उत्तर - बक्सर का युद्ध भारतीय इतिहास का एक निर्णायक युद्ध था । इसके निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिणाम हुए –

( 1 ) अंग्रेजों की विजय - इस युद्ध में मुगल सम्राट शाह आलम , अवध के नवाब शुजाउद्दौला एवं मीर कासिम को पराजय एवं अंग्रेजों की जीत हुई।

( 2 ) अंग्रेजों को दीवानी वसूल करने का अधिकार क मिलना - बक्सर के युद्ध के बाद सन् 1765 में इलाहाबाद की । संधि हुई । इस समझौते के अनुसार कम्पनी को बंगाल , बिहार पर और उड़ीसा की दीवानी वसूल करने का अधिकार प्राप्त हो गया । 

 ( 3 ) कर कम्पनी वसूल करती थी , परन्तु शासन की जिम्मेदारी बंगाल के नवाब पर थी । 

 ( 4 ) कम्पनी के अफसर बहुत भ्रष्टाचारी हो गये और जनता तब का शोषण करने लगे । 

 ( 5 ) बंगाल एक धनी प्रदेश था , उसकी आय से अंग्रेज शक्तिशाली हो गये तथा भारत - विजय का मार्ग खुल गया ।

 प्रश्न 41. इलाहाबाद संधि की मुख्य शर्ते बताइये । 

उत्तर - बक्सर की जीत ने अंग्रेजों के प्लासी युद्ध के अधूरे  कार्य को पूर्ण कर दिया । उन्होंने इलाहाबाद में संधि के लिए निम्न शर्ते रखीं -

 ( 1 ) अंग्रेजों ने शुजाउद्दौला को पुन : अवध का नवाब बना  दिया और उसके बदले अवध में मुक्त व्यापार करने की छूट प्राप्त की । 

( 2 ) यह तय हुआ कि जरूरत पड़ने पर अवध की सेना  अंग्रेजों की सहायता करेगी । लेकिन उसका खर्च नवाब ही उठायेगा । 

 ( 3 ) अंग्रेजों को बंगाल , बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हो गई । इस प्रकार अंग्रेजों का बंगाल में एकाधिकार तो हो गया का लेकिन उन्होंने शासन की बागडोर नहीं सम्हाली । वहाँ प्रत्यक्ष रूप कैसी से अंग्रेजों का शासन था । इसे ही बंगाल द्वैत शासन या दोहरा शासन कहा जाता है ।

प्रश्न 42. विलियम बैंटिंग द्वारा किए गए आर्थिक एवं सामाजिक विकास की नीतियों का वर्णन कीजिए । 

उत्तर- विलियम बैंटिंग की गिनती सुधारक गवर्नर जनरल के रूप में का जाती है । वे युद्ध के स्थान पर शांति के अनुयायी थे । उन्होंने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में कई सुधार कार्य किये । उनके द्वारा किए गए आर्थिक व सामाजिक कार्य निम्नलिखित हैं आर्थिक कार्य - लगातार होने वाले युद्धों के कारण अंग्रेजों की आर्थिक दशा चिंतनीय हो गई थी । अत : विलियम बैंटिंग ने इसे ठीक करने का कार्य प्रारंभ किया । इसके लिए उसने सैनिकों व कर्मचारियों की संख्या कम कर दी और प्रशासनिक व्यय में कटौती कर दी । उसने भारतीयों को उच्च पदों की नियुक्ति का भी प्रावधान किया । राजस्व वसूली के लिए उसने टोडरमल की बंदोबस्त व्यवस्था को अपनाया और 30 वर्षों के लिए लगान निश्चित करवाया ।

 सामाजिक सुधार-

 ( 1 ) सती प्रथा , बाल विवाह , बाल हत्या और नरबली प्रथा पर रोक लगाने सम्बन्धी कठोर कानून बनाया । 

( 2 ) उसने शिक्षा के माध्यम के लिए अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य बनाया ।

( 3 ) कलकत्ता में एक चिकित्सा महाविद्यालय खुलवाया । 

( 4 ) सन् 1831 में एक कानून पास करवाया , जिससे भारतीयों की उच्चपदों पर नियुक्ति की जा सके ।

( 5 ) उसने राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थापना की ।

प्रश्न 43. उन विभिन्न तरीकों के सम्बन्ध में समझाइये जिनके द्वारा अंग्रेजों ने भारत में अपने साम्राज्य की स्थापना की और उसका विस्तार किया ।

उत्तर- अंग्रेजों ने भारत में अपने साम्राज्य विस्तार के लिए निम्न तरीके अपनाये–

 1. सहायक व्यवस्था की नीति - जो भारतीय शासक ' सहायक सन्धि ' को स्वीकार करते थे , उन्हें अपने क्षेत्र में ब्रिटिश सेना रखनी पड़ती थी और उसका खर्च देना पड़ता था । अंग्रेजों के ऊपर उन राज्यों के प्रशासन का कोई उत्तरदायित्व नहीं था । कानून और व्यवस्था के बिगड़ने पर इन राज्यों को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया जाता था।

2. विलय नीति- भारतीय राज्यों को हड़पने के लिए लार्ड डलहौजी ने विलय ' या ' हड़प ' नीति को अपनाया । इसके अनुसार शासकों के दत्तक पुत्र , उत्तराधिकारी नहीं माने जाते थे । इसने झाँसी , सतारा , नागपुर को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया । ऐसे ही कुशासन का आरोप लगाकर कई राज्यों को अंग्रेजों ने अपने राज्य में मिलाया ।

3.  युद्ध नाति - कुछ भारतीय राज्यों को अंग्रेजों ने युद्ध में पराजित करके ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया । मैसूर और सिन्ध ऐसे ही राज्य थे । 

4 . फूट डालो और शासन करो की नीति - सैनिकों तथा सरदारों को आपस में लड़ाकर अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया गया । मराठों के विभिन्न गुटों को बढ़ावा देकर उनके राज्य पर अंग्रेजों ने अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया था ।

 5. अंग्रेज अधिकारियों की निष्ठा एवं उनमें एकता अंग्रेज अधिकारियों में एकता तथा निष्ठा थी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाने में सहायता की ।

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