VISHWA PARYAVARAN DIWAS IN HINDI | विश्व पर्यावरण दिवस/SHANTI THAWAIT/

 VISHWA PARYAVARAN DIWAS | विश्व पर्यावरण दिवस Vishwa paryavaran diwas in Hindi | विश्व पर्यावरण दिवस - आज विश्व पर्यावरण दिवस है ।पर्यावरण दो शब्दो से  परि+ आवरण से बना हुआ है ।हमारे आसपास का आवरण पर्यावरण कहलाता है । यह आवरण प्राकृतिक धार्मिक सांस्कृतिक आर्थिक सामाजिक इत्यादि भी हो सकता है । आज हम बात करते है  प्राकृतिक वातावरण की प्राकृतिक वातावरण जब शुद्द होता है तो मानव अनेक विपत्तियो से बचा रहता है । जहां प्रकृति का संतुलन बिगडा मानव के जीवन मे विपत्ति शुरु हो जाती है। प्राचीन काल मे लोग प्रकृति से जुड कर रहते थे ।वन नदी पहाड सब की ओर उनका झुकाव था ।भारत मे तो इनको बाकायदा ईश्वर का दर्जा दिया जाता था और आज भी देते है । भले ही भारतीयो के इन कार्यो को लोग अंध विश्वास से जोड कर मजाक उडाते थे लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन मान्यताओं का अलग ही महत्व था।मानव जैसे जैसे आधुनिक होते गया प्रकृति से खिलवाड करने लगा ।इसी मानवीय क्रियाकलापों के कारण आज प्राकृतिक आपदा नित नये रुप मे मानवो के समक्ष सामने आ रही है ।


Essay on vishwa paryavaran diwas in Hindi | विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में
 

प्रकृति को इतना नुकसान व उनसे होने वाली हानियो के लिए जिम्मेदार कौन ? 

आज प्राकृतिक पर्यावरण प्रदूषण होने का उत्तरदायी तो मनुष्य को ही जाता है । प्रकृति ने मनुष्यो को दिमाग दिया इस बुद्दि का प्रयोग मानव  प्रकृति का दोहन करने मे लगा दिया । मनुष्यो के बीच ( विभिन्न देशो ) के बीच प्रतिस्पर्धा ने भी प्रकृति को आहत किया,आधुनिकीकरण के कारण तो  प्रकृति को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है ।आधुनिकीकरण हो ने से आज विश्व के सभी देशो ने अपने यहां बडे बडे उद्योग धंधो की स्थापना की है ।बडी बडी factory का निर्माण किया है।इनको बनाने मे ही मानव ने प्रकृति से छेडछाड शुरु कर दिया लाखो करोडो पेडो की बलि चढ गयी। चिमनी से निकलने वाले जहरीली गैसो ने मानव शरीर को प्रभावित किया, सडको पर चलती विभिन्न प्रकार के मोटर वाहन से निकले वाले धुंए जो पर्यावरण मे घुल कर हमारे शरीर को खोखला कर लगातार नुकसान पहंचा रही है । आणविक शस्त्रो (हथियारो )की अंधी दौड ने आज विश्व मे प्रकृति को प्रदूषित किया है ।आणविक हथियारो का निर्माण  परीक्षण व उपयोग से प्रकृति को ही नुकसान हुआ । प्रकृति का दोहन करके प्रकृति को नुकसान ।परमाणु  परीक्षण करते समय धरती, वायुु मण्डल ,नदी, नाले, जीव जन्तुओं को नुकसान  मनुष्य ही तो पहुचा रहा है ।

Essay on vishwa paryavaran diwas in Hindi | विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में

यदि विश्व मे विभिन्र देशो के बीच लडाई छिड जाए तो इन आणविक हथियारो का उपयोग करके मानव प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचाएंगे इनकी कल्पना करके ही रुह कांप जाती है ।द्दित्तीय विश्व युद्ध मे अमेरिका के द्दारा जापान के दो शहर हिरॊशिमा व नाकासाकी पर गिराए गये एटम बम से पूरा शहर तबाह हो गया।आज भी उसके दुष्प्रभाव देखे जा सकते है ।मध्यप्रदेश के शहर भोपाल मे जहरीली गैस कांड हुआ था आज भी उसके प्रभाव देखे जा सकते है ।प्रकृति अज मानव को रुला रही है जिम्मेदार मानव के द्दारा किया गया कार्य ही है ।आज हम देख रहे है कि हिमालय पर्वत से लगातार हिम खण्ड टुकडे टुकडे हो कर गिर रहे है ,ग्लेशियर पिघल रहे है ,बेमौसम बरसात हो रही है, लगातार समुद मे चक्रवात उठ रहे है ।इन सब भौगोलिक वातावरण ,मे परिवर्तन का जिम्मेदार हम मानव ही तो हैं।

Essay on vishwa paryavaran diwas in Hindi | विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में

''' बोओगे पेड़ बबूल के तो आम कहां से होए ।'''

यह कहावत बिल्कुल ठीक बैठती है । मानव के क्रियाकलाप ही सही नही है तो प्रकृति हमको क्या देगी हम प्रकृति से छेड़खानी कर रहे है प्रकृति हमसे छेड़खानी कर रही है ।आज बहुत कम लोग होगे जो पूर्ण रुप से स्वस्थ हो ।मानव को ब्लड प्रशर ब्लड शुगर हार्ट समस्या सांस फूलना आंख खराब होना जैसी अनगिनत समस्याओ से जूझना पड रहा है ‌।अभी वर्तमान मे कोविड 19 ( कोरोना) के कारण पूरी दुनिया मुसीबत मे है लाखो लोगो की मौत हो चुकी है ‌।बहुत लोग अभी जुझ रहे है इस बीमारी से।कोरोना के बाद. ब्लैक फंगस व्हाइट फंगस कोरोना लहर( एक दो तीन )यह सब क्यो हो रहा है जिम्मेदार कौन है ।मानव ही इसका जिम्मेदार है ।

 पर्यावरण सुरक्षा के उपाय 

(1)सरकार की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सख्त कानून का निर्माण सरकार को करना चाहिए।

(2)आज मानव ईट क्रांक्रीट के जंगल मे अपना जीवन बिता रहा है खासकर नगर महानगर इन स्थानो मे चारो तरफ केवल और केवल बडी बडी इमारते ही दिखाई देती है ।इसके लिए सरकार को चाहिए कि ऐसा कानून बनाए. जिससे मानव अपने मकान के चारो ओर अहाता करा कर पेड पौधे लगाए ताकि सभी के घरो के चारो ओर हरियाली ही हरियाली देखाई दे ।
(3) कुछ संस्थाएं व समूह के द्दारा पर्यावरण क्षेत्र मे बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है उनको प्रोत्साहन देकर उनकी आर्थिक सहायता करके कार्य योजना बनाकर पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है ।
(4)लोग अधिक से अधिक पेड लगाए प्रकृति से जुड कर रहे इस दिशा मे पहल करनी चाहिए ।
(5) चिमनी से निकलने वाले धुओ को कैसे वायुमंडल से साफ किया जा सके इस पर पहल करे ।
(6)आधुनिकता की चकाचौंध ने हम सबको अंधा बना दिया है, इस चकाचौंध पर सरकार ही लगाम लगा सकती है ।मोबाइल नेट वर्क कनेक्शन 2G, 3G, 4G, 5G सबकी क्षमता से जो नुकसान हुआ उसको कैसे रोका जा सकता है इन नेटवर्को से चिडिया की चहचहाट बंद हो गयी  इनसे निकलने वाले रेडियेशन को कैसे रोका जा सकता है इस पर सरकार पहल करे ।यह काम केवल एक देश की सरकार का नही वरन पूरे विश्व की सरकार है ।
(7) पर्वतो पर छेड़खानी बंद हो आज हम देख रहे है कि हिमालय पर्वत को छेडखानी करके ऐसे ऐसे रास्ते बनाए जा रहे है ऊपर चोटी पर पहुंचने के लिए( चारो धाम की यात्रा के लिए)। हिमालय की मिट्टी अभी पूर्ण रुप से नही बनी है निर्माण की अवस्था मे है जब इस पर छेडखानी की जाएगी तो परिणाम तो भुगतना ही पडेगा ।
लिखने को तो बहुत सी बाते है उदाहरण है पर इतना काफी है अपनी बात रखने के लिए ।

Essay on vishwa paryavaran diwas in Hindi | विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में

विश्व की सरकारे जाग जाओ
नही  तो ऐसा तूफान आएगा 
संग  अपने मानव अस्तित्व को ही 
 न जाने कहां बहाकर ले जाएगा 
कोरोना जैसी बीमारियां भी 
न जाने कितनी अभी आएगी 
मानव को बेबस व लाचार बनाएगी 
चेत जाओ सभल जाओ सब 
पर्यावरण पर ध्यान तो दो 
स्वच्छ  वातावरण बनाकर
जीवन जीना सब सीखो 
आज विश्व पर्यावरण दिवस पर हर मनुष्य प्रण ले कि वो अपनी छोटी छोटी योगदान से प्रकृति को बचाने का प्रयास करेंग। हमारे छोटी सी योगदान से यह धरती स्वर्ग बन सकती पर्यावरण स्वच्छ हो सकती है ।

श्री मती शांति थवाईत व्याख्याता राजनीति विज्ञान
      नमस्कार 
 जय पर्यावरण

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