ठोस द्रव और गैस में अंतर/difference between solid liquid and gas state in hindi /ठोस , द्रव व गैस अवस्था में अन्तर




 difference between solid liquid and gas state in hindi ,ठोस , द्रव व गैस अवस्था में अन्तर 


 हमारे चारों तरफ हम जो कुछ भी देखते है जैसे पौधे , पानी , जानवर , वाहन आदि सभी वस्तुओं को पदार्थ कहा जाता है , पदार्थ वह कुछ भी हो सकता है जिसका द्रव्यमान होता है और कुछ स्थान घेरता है।

पदार्थ की अवस्थाएं

पदार्थ तीन अवस्थाओं- ठोस, द्रव और गैस में पाये जाते हैं। ताप और दाब की दी गई निश्चित परिस्थितियों में, कोइ पदार्थ किस अवस्था में रहेगा यह पदार्थ के कणों के मध्य के दो विरोधी कारकों अंतराआण्विक बल और उष्मीय ऊर्जा के सम्मिलित प्रभाव पर निर्भर करता है। अंतराआण्विक बलों की प्रवृत्ति अणुओं (अथवा परमाणुओं अथवा आयनों) को समीप रखने की होती है, जबकि उष्मीय ऊर्जा की प्रवृत्ति उन कणों को तीव्रगामी बनाकर पृथक रखने की होती है।[1]




ठोस

पदार्थ की ठोस अवस्था

ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (Force of attaraction) आधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है ठोस के कुछ आम उद्हरण - जैस पत्थर, ईट, बॉल, कार, बस आदि।



द्रव

द्रव में कणों के मध्य बन्धन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकर नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है।



गैस

गैस में कणों के मध्य बन्धन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (Shape) और न ही निश्चित आयतन (Volume) होता है।

पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है , कोई भी पदार्थ तीन अवस्थाओं में हो सकता है जो ठोस , द्रव और गैस अवस्था होती है।

पदार्थो में कणों की स्थिति के आधार पर पदार्थो को ठोस , द्रव और गैस पदार्थ कहा जाता है।  ठोस , द्रव व गैस अवस्थाओं में कई अंतर पाए जाते है , 

द्रव अवस्था
गैस अवस्था
1ठोस का आकार और आयतन निश्चित होता है।
द्रवों का आयतन तो निश्चित होता है लेकिन आकार निश्चित नही होता है  अर्थात पात्र के अनुसार ये आकार ग्रहण कर लेते है।
द्रवों का आकार और आयतन दोनों ही निश्चित नहीं होते है।
2. ठोसों में अणु बहुत पास पास और इनके अणुओं का स्थान स्थिर होता है जिसके कारण इनके आकार को आसानी से परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
द्रव में अणु ठोस की तुलना में दूर दूर रहते है लेकिन गैस की तुलना में पास होते है तथा इसके अणुओं का स्थान स्थिर नहीं रहता है।
गैस के अणु दूर दूर स्थित रहते है और अणुओं का स्थान स्थिर नहीं रहता है।
3. ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा न्यूनतम होती है।
द्रव के अणुओं की गतिज ऊर्जा कुछ अधिक होती है अर्थात ठोस के अणुओं की तुलना में अधिक होती है लेकिन गैस की तुलना में कम होती है।
गैस के अणुओं की गतिज ऊर्जा का मान सबसे अधिक होता है।
4. संपीड्यता कम होती है अर्थात दबाने पर नहीं दबते है या बाह्य दाब का कम प्रभाव पड़ता है।
द्रवों में संपीड्यता ठोसो से अधिक होती है अर्थात बाह्य दाब का प्रभाव ठोसो से अधिक देखने को मिलता है।
संपीड्यता सबसे अधिक पायी जाती है अर्थात इन पर बाह्य दाब का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है।
5. ठोसो में बहने का गुण नही पाया जाता है।
द्रव , उच्च स्तर से निम्न स्तर की तरफ प्रवाहित हो सकते है अर्थात इनमे बहने का गुण पाया जाता है।
गैस , सभी दिशाओं में बहती है।  अर्थात बहने का गुण सबसे अधिक देखने को मिलता है।
6. इनका घनत्व सबसे अधिक होता है।
इनका घनत्व कुछ कम होता है।
गैसों का घनत्व सबसे कम होता है।
7. इनको संग्रहित करने के लिए पात्र की आवश्यकता नहीं होती है।
द्रवों को इक्कठा करने के लिए पात्र की आवश्यकता होती है।
इनको संग्रहित करने के लिए बंद पात्र की आवश्यकता होती है।
8. ठोस के कणों के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल सबसे अधिक पाया जाता है।
द्रवों के कणों के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल ठोसो से कम होता है लेकिन गैसों से अधिक पाया जाता है।
गैसों के कणों के मध्य अंतर आणविक आकर्षण बल सबसे कम पाया जाता है।
9. इनके आण्विक कण गति नहीं करते है या न के बराबर गति करते है।द्रवों के कण ब्राउनियन आणविक गति करते है।
गैसों के कण स्वतंत्र , नियत और यदृच्छ गति 

Post a Comment

0 Comments