वाक्य विचार/वाक्य के भेद/VAKYA VICHAR/

 वाक्य विचार



वाक्य को हम निम्नलिखित रूप में परिभाषित कर सकते हैं।

परिभाषा

दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं।

वाक्य के भाग

1.उद्देश्य 2. विधेय।

उद्देश्य- वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाए,उसे उद्देश्य कहते हैं।

उदाहरण

1. गीता चाय पी रही है।

2. अभिराज गीत गाता है।

उपर्युक्त वाक्यों में गीता और अभिराज के विषय में कहा गया है ,अतः  ये उद्देश्य हैं।

विधेय - वाक्य में उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाए,उसे विधेय कहते हैं।

जैसे-

विनीत दूध पी रहा है।

लड़के क्रिकेट खेल रहे हैं।

ऊपर के वाक्यों में दूध पी रहा है और क्रिकेट खेल रहे हैं, उद्देश्य के बारे में बता रहे है,अतः ये विधेय हैं।

वाक्य के भेद -

 वाक्य के भेद निम्नलिखित दो आधारों पर किए जा सकते हैं -

 (1) रचना के आधार पर 

(2) अर्थ के आधार पर

 रचना के आधार पर

 1. रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं -

 (क) सरल (ख) संयुक्त (ग) मिश्रित।

(क) सरल वाक्य : जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही  विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य कहते हैं। 

जैसे- 

अ - लड़के नदी  में नहा रहे हैं। 

 ब-   बादल गरज रहे हैं।

(ख) संयुक्त वाक्य :

जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य समुच्चयबोधकों के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं - 

जैसे -

अ-राजीव गा रहा  है और शीला नाच रही है। 

ब -बादल गरज रहे हैं किंतु वर्षा नहीं हो रही है। 

(ग) मिश्रित वाक्य

: जिन वाक्यों में एक मुख्य उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उन्हें सामने वाक्य कहते हैं।  -

 जैसे- 

 अ - मैं उस चोर को पहचानता हूँ जिसने मेरी घड़ी चुराई थी।

 मुख्य उपवाक्य - मैं उस चोर को पहचानता हूँ।

आश्रित उपवाक्य-जिसने मेरी घड़ी चुराई थी।

2. अर्थ के आधार पर:

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं- (क) विधानवाचक (ख) निषेधवाचक (ग) प्रश्नवाचक (घ) संकेतवाचक (ङ) आज्ञावाचक (च) इच्छावाचक (छ) सन्देहवाचक (ज) विस्मयवाचक।

(क) विधानवाचक वाक्य -  

जिन वाक्यों से किसी कार्य के करने या होने का बोध हो, उन्हें विधानवाचक कहते हैं। 

 जैसे- 

अ-कुतुबमीनार दिल्ली में है।

 ब- अतुल गेंद खेलता है। 

(ख) निषेधवाचक वाक्य (नकारात्मक वाक्य): जिन वाक्यों से किसी कार्य के न करने या होने का बोध हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। 

 जैसे- 

अ-वह नहीं पढ़ रहा है।  

ब-हमने चाय नहीं पी है। 

ग- प्रश्नवाचक वाक्य :

जिन वाक्यों से प्रश्न पूछे जाने का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। 

 जैसे-

 अ-आपके पिता जी कहां काम करते हैं?  

ब-वह क्या लिखती है?  

(घ) संकेतवाचक वाक्य:

 जिन वाक्यों में एक कार्य दूसरे कार्य पर निर्भर हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।  जैसे- 

अ-यदि आप मेहनत करोगे, तो सफलता अवश्य मिलेगी। 

 ब-जब तुम खाओगे, तो मैं भी खाऊंगा।

(ड) आज्ञावाचकवाक्य:  जिन वाक्यों से आज्ञा, आदेश या प्रार्थना का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।  जैसे- 

अ-कृपया शांत हो जाइए। 

 ब-यहाँ से बाहर जाओ। 

 (च) इच्छावाचकवाक्य :

 जिन वाक्यों से आशीर्वाद, इच्छा और शुभ आदि भावों का बोध हो, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।

  जैसे- 

अ-ईश्वर आपका कल्याण करें। 

 ब-अब हमें सो जाना चाहिए। 

 (छ) संदेहवाचक वाक्य : 

जिन वाक्यों में किसी कार्य के होने या न होने में संदेह या संभावना का बोध हो, उनमें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।

 जैसे-

 अ-शायद आज  वर्षा बंद नहीं होगी।  

ब-शायद वह भूखा है।  

(ज) विस्मयवाचकवाक्य: 

जिन वाक्यों से हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य आदि भावों का बोध हो, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। 

 जैसे- 

अ- वाह!  कितनी सुंदर इमारत है।

 ब- शाबाश!  तुम जीत गए।

Post a Comment

0 Comments