भारत की प्रमुख नदियाँ, उनकी लम्बाई, उद्गम स्थल और नदी तंत्र /Major rivers of India, their length, point of origin and river system /

भारत की प्रमुख नदियाँ, उनकी लम्बाई, उद्गम स्थल और नदी तंत्र 



 भारत में बहुत सी नदियाँ ( Rivers ) हैं। भारत में नदियों की महत्ता ऋग्वैदिक काल से ही अधिक है। यहाँ 4000 से भी अधिक छोटी बड़ी नदियाँ हैं। इन सभी नदियों का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है। बहुत सी नदियों से धार्मिक गाथाएं जुडी हुयी हैं। जो कि धार्मिक व सामाजिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत की सबसे बड़ी एवं प्रसिद्ध नदी गंगा है, इसका क्षेत्रफल लगभग 9 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। भारत की नदियों को प्रायः दो रूप में बांटा जा सकता है। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ और प्रायद्वीपीय नदियाँ। 

हिमालय की नदियाँ

इन नदियों का अपवाह क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है। इनमें साल भर जल की आपूर्ति होती रहती है क्योंकि इनमे वर्षा के अतिरिक्त बर्फ के पिघलने से भी जल आता रहता है। इसलिए इन नदियों को सदानीरा भी कहा जाता है। हिमालय की नदियों को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है – सिंधु नदी तंत्र, गंगा नदी तंत्र, ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र। भू-वैज्ञानियों के अनुसार इन तीनों नदी तंत्रों का विकास एक अत्यंत विशाल नदी से हुआ है। जिसे शिवालिक या हिंद-ब्रह्म नदी के नाम से जाना जाता था, जो असम से पंजाब तक बहती थी ।बाद  में प्लीस्टोसीन युग में पोटवार पठार के उत्थान के बाद यह छिन्न-भिन्न हो तीन नदी तंत्रों में बंट गयी।

सिंधु नदी तंत्र –

सिंधु नदी तंत्र में सिंधु के साथ उसकी सहायक सतलज, झेलम, रावी, व्यास, चिनाव आती हैं। सिंधु नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुंग ग्लेश्यर से निकलती है। इसकी लंबाई 2880 किमी. है। 1960 में भारत पाक के बीच हुए सिंधु जल समझौते के तहत भारत सतजल, रावी के 80% और झेलम, चेनाब के 20% जल का ही उपयोग कर सकता है। झेलम नदी शेषनाग झील से निकलकर वुलर झील से मिलती है। चेनाब नदी हिमाचल प्रदेश में चंद्रभागा के नाम से जाती जाती है। रावी नदी कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे से निकलती है।  सतलज नदी का उद्गम स्थल मानसरोवर झील के निकट राक्षस ताल से है। भाखड़-नांगल बाँध सतलज नदी पर ही स्थित है। कपूरथला के निकट व्यास नदी सतलज से मिलती है।

गंगा नदी तंत्र

गंगा का उद्गम स्थल उत्तराखंड में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर है। यह नदी अलकनंदा और भागीरथी नदियों का ही मिश्रित रूप है, जो देवप्रयाग के निकट से गंगा के नाम से जानी जाती है। गंगा नदी की सर्वाधिक लम्बाई उत्तर प्रदेश में है। गंगा नदी बांग्लादेश में पद्मा के नाम से जानी जाती है। गंगा की सर्वप्रमुख सहायक नदी यमुना है, जो कि गढ़वाल जिले के टिहरी में स्थित यमनोत्री हिमनद से निकलती है।

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र

इसका उद्गम स्थल मानसरोवर झील के निकट आंग्सी ग्लेशियर से है। यह तिब्बत में सांगपो और बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है। इस नदी का अपवाह तंत्र तीन देशों तिब्बत, भारत और बांग्लादेश में विस्तृत है। विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप मांजुली इसी नदी तंत्र की देन है।

प्रायद्वीपीय नदियाँ

प्रायद्वीपीय नदियां हिमालयी नदियों से अधिक पुरानी हैं। इसीलिए इन नदियों के ढाल काफी मंद हैं। केवल वर्षा जल पर निर्भरता के कारण ये नदियां मौसमी हैं। गर्मी के दिनों में ये नदियां सूख जाती हैं और सिंचाई के रूप में इनका प्रयोग कम ही हो पाता है। अधिकतर प्रायद्वीपीय नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं। परन्तु नर्मदा और ताप्ती नदियाँ ही पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं। पश्चिमी घाट पूर्व की ओर बहने वाली नदियों और पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों के बीच जल विभाजक का कार्य करता है। प्रायद्वीपीय नदियों में सबसे लम्बी नदी गोदावरी ( दक्षिण भारत की गंगा ) का उद्गम स्थल नासिक ( महाराष्ट्र ) है। कृष्णा नदी महाबलेश्वर के निकट स्थित एक झरने से निकलती है और विजयवाड़ा के निकट अपना डेल्टा बनाती है।


द्वारा sugamgyan.com

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