हिंदी दिवस
मै हूं हिंदी वतन की
बचा लो मुझे
1.
राष्ट्र भाषा हूं मैं,,
अभिलाषा हूं मैं,
एक विद्या का घर ,
पाठशाला हूं मैं,,
मै हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे
2.
देख इस भीड़ में,
मैं काहां खो गई,
ऐसा लगता है,
अब नींद से सो गई,
प्यार की इस थपक से जगा लो मुझे...
मै हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे
3.
मै ही गद्य भी बनी,,
और पद्य भी बनी,,
दोहे किस्से बनी,
और छंद भी बनी,,
तुमने क्या क्या सीखा, बता दो मुझे,,,,.........
मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे
4.
मै हूं भूखी तेरे ,
प्यार की ए तू सुन
दूंगी तुझको मै हर एक चीज ,,
तू मुझको चुन
अपने सीने से एक पल लगा लो मुझे,,,.....
मै हूं हिन्दी वतन की बचा लो मुझे
5.
मै कहा से शुरू,,
मै कहा से आ गई,,
सरजमीं से चली,,
आसमा पा गई,,
वो हसी पल लौटा दो मुझे..........
मै हूं हिन्दी वतन की बचा लो मुझे....
6.
तेरी कविता हूं मै,,
हूं कमल मै तेरी,,
मै तो बन के रहूं ,,
हर जनम में तेरी,,,
अपना ए दोस्त बना लो मुझे,,,,..........
मै हूं हिन्दी वतन की बचा लो मुझे
7.
मां की ममता है हिन्दी
पिता की छाया हैं हिंदी
हिंदुस्तान की पहचान है हिन्दी
भारत मां की शान है हिंदी
शाहिद वीर सपूतों की भूमि है हिन्दी
हर भारतीय का आधार है हिन्दी
हिंदुस्तान की शक्ति है हिन्दी
भगवान का आशीर्वाद हैं हिंदी
बुधनी अजय
शा. प्रा. शाला डूमरगढ़
संकुल- बेलटिकरी
विकाश खंड- बिलाईगढ़
जिल- बलोदा बाजार
छत्तीसगढ़......
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