1.
मां की माया है हिंदी,
पिता की छाया है हिंदी।
हिंदुस्तान की पहचान है हिंदी ,
भारत मां की शान है हिंदी ।
2.
लोरी सुनाए मां हिंदी में ,
भजन को गाये मां हिंदी में ।
प्यार मोहब्बत भरा है हिंदी में,
मीठे गीत सुनाती है हिंदी में।
3.
हिंदु का गौरव है हिंदी ,
भारत माता की है बिंदी
जिसके बिना हिंद थम जाए ,
ऐसी जीवन रेखा है हिंदी।
4.
उदारता की भाषा है हिन्दी
मन की अभिलाषा है हिन्द
5
अंग्रेजी का हम पर असर हो गया है'
हिंदी का मुश्किल सफर हो गया है ।
देसी घी आजकल बटर हो गया है ,
चाकू भी आजकल कटर हो गया है ।
6
जो भूल रहे हैं इस भाषा को होती बड़ी निराशा है,
मिश्री से भी मीठी है जो वह मेरी हिंदी भाषा है।
7
आओ सब मिलकर हिंदी दिवस
को अपना गौरव बनाएं ,
यह तभी मुमकिन है जब देश का हर
एक व्यक्ति अपना कदम बढ़ाए।
स्वरचित मौलिक रचना
रचनाकार सुनीता साहू
विकासखंड बिलाईगढ़
जिला बलौदा बाजार
राज्य छत्तीसगढ़
चलो हिंदी दिवस मनाए
चलो साथियों हिंदी दिवस मनाएं।
अंग्रेजी कलेंडर में 14 सितम्बर आएं।।
जब भी 14 सितम्बर आते हैं।
सब लोग बड़ी -बड़ी बाते बताते हैं।।
जैसे ही 14 सितम्बर समाप्त होता है।
सबके मुंह में हिंदी को लेकर ताला लग जाता है।।
हिंदी को आखिर बचा कर रखा कौन है?
जो जो जानते हैं वह सब तो मौन हैं।।
हमारा आज सारा काम अंग्रेजी भाषा में होता है।
अंग्रेजी न जानने वाला माथा पकड़ कर रोता है।।
सुबह से शाम, रात तक हम,अंग्रेजी में बड़ बड़ाते है।
जब भी हिंदी दिवस आता है,
बधाई का तांता लग जाता है।।
हिन्दुस्तान में हिंदी मीडियम में पढ़ने
लिखने वाला हेय की नजर से देखा जाता है।
वहीं अंग्रेजी पढ़ने लिखने वाला महान बन जाता है।
मै ये नहीं कहता हमें अंग्रेजी नहीं जानना है।
जानना जरूरी है ,अंतर राष्ट्रीय भाषा है।
इस अंग्रेजी के चक्कर में
कहीं हमारा हिंदी न खो जाएं।
आओ साथियों आओ
ऐसा हिंदी दिवस मनाएं।।
जो दिखता है वो बिकता है
ऐसा दोहरा चरित्र न हो।
हमारा हर राष्ट्रीय/राजकीय पत्र,
भाषण हिंदी में हो।।
चलो एक ऐसा अभियान चलाएं।
हिंदी दिवस ,हिंदी दिवस न रह जाएं।
स्व रचित
तुलेश्वर कुमार सेन
सहायक शिक्षक
हिंदी भाषा दिवस पर
दिनांक 14/09/2020
हिंदी ऑन है
हिंदी मान है
हिंदी देश की शान है
सब भाषाओं से मेरा भाषा
हिंदी बहुत महान है
हिंद देश के निवासी हम सब
हिंदी भाषा नाम है
इस भाषा पर गर्व हमें
इसी में करें सब काम है
संस्कृत भाषा इसकी जननी
हिंदी व्याकरण समृद्धशाली है
देव नागरी लिपि है इसकी
देवभूमि भारत के हम भाग्यशाली हैं
स्वामी विवेकानंद जी ने
हिंदी का अलख जगाया है
परदेश भूमि पर जाकर
हिंदी का डंका बजाया है
मातृभाषा यह राजभाषा यह
संपर्क भाषा की राह है
बना रहे राष्ट्रभाषा हमारी
यही हम सबकी चाह है
रचनाकार महेत्तर लाल देवांगन
बिलाईगढ़ छत्तीसगढ़
शीर्षक हिंदी मेरी अभिमान है
विधा-कविता
हिंदी मेरी आन है
हिंदी मेरी शान है
हिंदी मेरी राष्ट्रीय भाषा
हिंदी मेरा अभिमान है।।
हिंदी माँ समान है
हिंदी में सूरज से कमान है
हिंदी में ममता महान है
हिंदी मेरा अभिमान है।।
हिंदी में सुबह मेरी
हिंदी में ही शाम है
हिंदी मेरी जान है
हिंदी मेरा अभियान है।।
हिंदी भारत की शान है
हिंदी में राष्ट्र गान है
मेरा भारत महान है
हिंदी मेरा अभिमान है।।
तन में हिंदी में में हिंदी
हिंदी हो हर ग्राम में
हिंदी का उपयोग करे हम
अपने हर एक काम मे।।
जय हिंद जय भारत
स्वरचित मौलिक रचना
रचनाकार नाम उषा साहू
जिला बलौदाबाजार
राज्य छत्तीसगढ़
कविता
हम निज हिन्दी बोलने में कैसे शर्माते है ।
विदेशी भाषा बोल महफ़िल में रंग जमाते है ।।
अपनाओ हिंदी भाषा जो आन बान और शान है ।
हर हिंदुस्तानी के लिए हिंदी शुभ वरदान है ।।
संज्ञा ,सर्वनाम,क्रिया,काल,मुहावरा लोकोक्ति ।
पढ़ना -पढ़ाना अपनापन इनमें है झलकती ।।
है आधार स्तंभ मुंशी,गुप्त , निराला पंत ।
भक्ति भाव जगाते सूर ,कबीरा ,तुलसी संत ।।
14 सितम्बर हिंदी दिवस कितना सुंदर पर्व है ।
सदा अपनाए हिंदी भाषा ,हमको इन पर गर्व है ।।
14 सितम्बर हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई
रचनाकार
विजय कुमार चन्देल
MS उदका संकुल दुल्लापुर
पंडरिया कबीरधाम छत्तीसगढ़
MO N 7354272768
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