हिंदी कक्षा 5 पाठ 9 श्रम के आरती/shram ke aarti/hindi/

कक्षा-5  पाठ-9 श्रम के आरती

लेखक-भगवती लाल सेन




1.  काबर डराबोंन कोनो ल जब असल पसीना गारत हन।

हम नवा सुरूज परघाए बर श्रम के आरती उतारत हन।

चाहे कोनो हांसे थूके रद्दा के कांटा चरावत हन।

हम नवा सुरुज परघाए बर श्रम के आरती उतारत हन।।

भावार्थ-मजदूर कह रहा है कि हम किसी से क्यो डरेंगे जब हम कठोर परिश्रम कर रहे है।अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए हम लगातार परिश्रम कर रहे है।चाहे कोई हमारी कितनी हँसी उड़ाए हम तो रास्ते की तमाम मुश्किलों बाधाओ को दूर करते रहेंगे।और हम लगातार परिश्रम करते रहेंगे।

2.कल अऊ कारखाना जतका मिल मा पोगा बाजत हावय।

रोज कहत हे हाक पार के जांगर वाला जागत हावय।

दुनिया के सुख बर दुख सहिके पथरा ले तेल निकारत हन।

हम नवा सुरुज परघाए बर श्रम के आरती उतारत हन।।

भावार्थ-मजदूर कह रहा है कि कल कारखानों से आने वाली भोपू की आवाज हमे जागने एवं परिश्रम करने का संदेश दे रही है।संसार को सुख मिले इसलिए हम कठिन परिश्रम कर रहे है।अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए हम लगातार परिश्रम करते रहेंगें ।

3. सोना कस तन बूता के धुन मा माटी अस करिया जाथे।

नागर जब गड़ये भुइयां के कोरा हांसत हरिया जाथे।

सुरता के अमृत कुंड आज हम गजब जतन ले झारत हन।

हम नवा सुरुज परघाए बर श्रम के आरती उतारत हन।।

भावार्थ-किसान कह रहा है कार्य की अधिकता व लगातार परिश्रम करने के कारण हमारा सोने जैसा शरीर मिट्टी के समान कला पड़ गया है।जब  खेतों में हल चलता है तो धरती की गोद हसते हुए हरी भरी हो जाती है।हम अमृत -कुंड से बड़े मेहनत करके अमृत निकाल  रहे हैं।आज हम अपने इसी परिश्रम के फलस्वरूप हम खुशहाली का आनंद ले रहे हैं।

4. नइ थकिस कभू चन्दा सुरुज दिन रात रथेआगू -पाछु।

रहिथे करनी के नाव अमर नइ रहय भरम के बहिरासु।

जम्मो मनखे बर एक नित सुनता-मसाल हम बारत हन।

हम नवा सुरुज परघाए बर श्रम के आरती उतारत हन।।

भावार्थ- मजदूर किसान कह रहे है कि सूर्य और चंद्रमा बिना थके निरन्तर अपने रास्ते  पर चलते रहते हैं  और उजाला फैलाते रहते हैं । संसार में अच्छे कार्य करने वालों का ही नाम अमर होता ह इसमे किसी प्रकार का कोई भ्रम नही हैं। हम छतीसगढ़ वासी चाहते  हैं कि सभी मनुष्य एक नीति के मार्ग पर चलें इसलिए हम सलाह- मशवरा कर एकता रूपी मसाल जला रहे हैं। 

प्रश्नो के उत्तर 

1 .श्रम के आरती उतारत हन के का अर्थ हे ?

उतर -श्रम के आरती उतारत हन के अर्थ अब्बड़ मेहनत करे से हे। 

2. मिल के पोगा ह हॉक पार के का कहत हे?

उत्तर- मिल के पोंगा हॉक पार के जोर से कहत हे जांगर वाला जागत हावय। 

3 दुनिया ल सुखी बनाय बर कि छत्तीसगढ़ के मनखे मन का करत हे?

उत्तर -दुनिया ल सुखी बनाय बर  छत्तीसगढ़ के मनखे मन दुख सहीके,कड़ा महीनत करत हे। 

4.भुइया कइसे हरिया जाथे?

उत्तर- जब नांगर ह भुइया म गड़थे ,तब भुइया ह हरिया जाथे। 

5. कवि के अनुसार काकर नाम अमर हो जाथे?

उत्तर-कवि के अनुसार जे मन कड़ा महीनत करथे ओकर नाव अमर हो जाथे। 

प्रस्तुति-श्रीमती  युगेश्वरी साहू

शा.कन्या प्रा.शा.पवनी विकासखण्ड-बिलाईगढ़

जिला-बलोदाबाज़ार

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