26 अगस्त महिला समानता दिवस की हार्दिक बधाई
दिनांक-26/08/202
शीर्षक-नारी का करो सम्मान
नारी का करो सम्मान,
नारी होती सबसे महान।
नारी भारत देश की शान,
नारी करती सबका सम्मान।
नारी भारत की शान है,
मेरा भारत सबसे महान है।
नारी से जग संसार है,
नारी से ही विश्व कल्याण है।
नारी में धरती सा गुमान है,
नारी में आसमान से ज्ञान है।
नारी में सूरज सा कमान है,
नारी तू शीतल चंद्रमा समान है।
नारी से जग निर्माण है,
नारी से घर मे सम्मान है।
नारी से राष्ट्र निर्माण है ,
नारी से समाज मे विवेक ज्ञान है।
नारी का तुम करो सम्मान है
नारी हिमालय सी धैर्यवान है,
गंगा सी प्लावित धारवान है।
नारी में समाहित अमर ग्रंथ ज्ञानहै
रामायण गीता करती गुणगान है
नारी का करो सब सम्मान है
नारी स्वर्णिम देश की पहचान है
उत्कर्षमयी देश की शान है।
नारी शुभ्र क्षीर सौंदर्य की खान है
जिसकी गूंगे मधुमय गान है।
नारी का सब करो सम्मान है।
शीर्षक-नव जीवन प्रकाश
विधा -कविता
सुप्रभात से करो माता- पिता के चरणों मे नमन हैं
पूज्य गुरु की श्रीचरण में ज्ञान सत के कुंजन हैं ।
नयन की ज्योति जननी ,जीवन मे पावन आस है
है प्रभु के सांस में नव जीवन प्रकाश है।
है जीवन मे कष्ट अनेको ताप है ,
है गगन धरा हमारे चाँद सूरज पर विश्वास हैं ।
जीवन प्रसन्न्ता ही हरता सब संताप है ।
नि: स्वार्थ भाव से सेवा करे वही विराट है ।
जीवन मे जलाता नव जीवन प्रकाश हैं।
सागर की अपनी क्षमता रखता है
वह माझी सा थकता नही करता है ।
जब तक साँसो में स्पंदन रहता है
उसका हाथ रुकता नही सपात है
तूफानों से भी लड़ जाता तब
आता नव जीवन प्रकाश है ।
वृक्षारोपण से धरा को सुसज्जित करते है।
स्वच्छता स्वछन्द निर्मलता भरते है।
मधु वाणी से जीवन मे नव संचार करतेहैं ।
पूण्य संसार मे समाहित होता ,
सुरभित प्रकाशित नव जीवन प्रकाश है।
शीर्षक-दोस्त दर्शन दो याद तुम्हारा आया
बहुत ही प्यारा दोस्त मैंने पाया
तुम्हारी दोस्ती धूप में ठण्डी छाया
भगवान ने मुश्किलो से मिलाया
दोस्त दर्शन दो याद तुम्हारा आया
बहुत ही कोमल तुम्हारी काया
रब ने मुद्दतो से तुमसे मिलाया
तुमने खुशिया जीवन मे लाया
दोस्त दर्शन दो याद तुम्हारा आया
दोस्त ने जख्मों में मलहम लगाया
हर तकलीफ में साथ निभाया
मेरी होठो में मुस्कुराहट लाया
दोस्त दर्शन दो याद तुम्हारा आया
दोस्त मे फूलो सा खुशबू समाया।
सूरज सा चमकता हैं आया
दोस्त से जीवन मे आनन्द छाया
दोस्त दर्शन दो याद तुम्हारा आया
शीर्षक- अपनो की याद में
जीवन मे सुखद अहसास है
रहता जीवन मे अपनो की याद है
कीड़ा करती सखियो के साथ है
अपनो से मिलता सुनहरा ख्वाब है
सूरज की लालिमा में जगते है
स्नान ध्यान और प्रणाम करते है
गुरु के चरणों मे ध्यान करते है
अपनो की याद में ये काम करतेहै
अपनो की याद जब आती है
नयनो को अश्रु से भीगा जाती है
अपनो से मिलने की याद आती है
दुःखद अहसास छा जाती है
अपनो की यादों को मैने
अपनी आंखों में बसाया है
चांद की शीतलता में बिताया है
जीवन को अपनो की याद से
सजाया है।
–स्वरचित व अप्रकाशित रचना
रचनाकार -उषा साहू
जिला- बलौदाबाजार
राज्य-छत्तीसगढ़
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