1. संबंध बोधक
शीर्षक- संबंध बोधक
सामग्री–
साड़ी कवर, ड्राइंग शीट,स्टेपलर, मार्कर पेन, पेंसिल, रबर, स्केल, आदि।
निर्माण विधि-
1.सर्वप्रथम ड्राइंग शीट को साडी कवर में चिपकाया गया ।
2. टाइप की सहायता से कलर फुल फाइल तैयार किया गया।
3. सामने में बड़े अक्षरों में शीर्षक के नाम को दर्शाया गया। एवं परिभाषित किया गया।
4. फाइल के अंदर संबंधबोधक के उदाहरण सहित संज्ञा संबंधबोधक संज्ञा को दर्शाया गया ।
प्रयोग विधि–
सर्वप्रथम संबंधबोधक को परिभाषित किया गया।
परिभाषा- संबंधबोधक ऐसे शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम के बाद आते हैं, और उसका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ बताते हैं उसे संबंधबोधक कहते हैं ।
1-जब इसका प्रयोग संज्ञा सर्वनाम के साथ होता है तब यह संबंधबोधक कहलाते हैं
2. जब इन शब्दों का प्रयोग क्रिया के साथ किया जाता है तब ये क्रियाविशेषण बन जाते हैं।
उदाहरण- के बाहर
के सामने
के अंदर
के भीतर
के विपरीत
की तरफ
के निकट
के कारण
की अपेक्षा
के नीचे।
1- श्याम की अपेक्षा राम समझदार है।
2. छत के ऊपर आचार रखा है।
3. उस के कारण तुम्हें परेशानी हुई।
4. चंडीगढ़ के निकट अंबाला है।
5. मेरे घर के पास मंदिर है।
6. मेरे घर के सामने खेल का मैदान है।
7. बस्ते के अंदर किताबें हैं।
8. निशा घर के भीतर खड़ी है।
लाभ
बच्चे टीएलएम के माध्यम से स्वयं गतिविधि करके कम समय में अधिक शिक्षा प्राप्त करते हैं एवं उत्साह के साथ पढ़ाई करते हैं।
2 क्रिया विशेषण
शीर्षक-क्रिया विशेषण
सामग्री
साड़ी कवर, स्टेपलर, मार्कर पेन, आदि।
निर्माण विधि
1. सर्वप्रथम एक ड्राइंग शीट लिया गया ,जिसमें साड़ी कवर को स्टेपलर की सहायता से चिपकाया गया।
2. टेप की सहायता से एक कलर फुल फाइल तैयार किया गया।
3. सामने में बड़े अक्षरों में क्रिया विशेषण को परिभाषित किया गया।
4. फाइल के अंदर एक कहानी बनाया गया है जिसमें क्रिया विशेषण के प्रकार एवं उदाहरण को दर्शाया गया है ।
प्रयोग विधि
1. सर्वप्रथम क्रियाविशेषण को परिभाषित किया गया है। परिभाषा- ऐसे शब्द जो क्रिया की विशेषता बताता है उसे क्रियाविशेषण कहते हैं।
2. कहानी
राम और श्याम दोनों दोस्त थे। राम -
दिल्ली गया
श्याम ने पूछा -
कहां हो (स्थान वाचक)
कब गए (कालवाचक)
कैसे गए (रितिवाचक)
कितने (परिमाणवाचक)
समय गए।
क्रिया विशेषण के प्रकार
क्रिया विशेषण के चार प्रकार हैं
1.स्थान वाचक
2. कालवाचक
3. रितिवाचक
4. परिमाणवाचक
1. स्थान वाचक-
कहाँ
दाएं -बाएं
इधर-उधर
दूर- पास
सामने नीचे।
2. कालवाचक
कब
बार-बार
प्रतिदिन
निरंतर
आजकल
3. रितिवाचक
कैसे
धीरे-धीरे
गलत सही
ऐसे वैसे
अचानक
4. परिमाणवाचक
कितना
अधिक
थोड़ा
बस
इतना
उदाहरण
1. राहुल बहुत पढ़ता है ।
2. वह धीरे- धीरे चलता है।
3. सफलता प्राप्ति के लिए *प्रतिदिन* पढ़ना चाहिए।
4.तुम वहां जाकर बैठो ।
5. वह अचानक रोने लगा।
6. वह गलत राह पर चलता है।
7. ऐसे कपड़े मत पहनो ।
8. दिल्ली दूर है
9. उधर क्या कर रहे हो ।
10.इतना ही पढ़ लो काफी है।
11. आजकल तुम दिखते नहीं ।
लाभ
टीएलएम के माध्यम से बच्चे स्वयं गतिविधि करके सीखते हैं कम समय में अधिक शिक्षा प्राप्त करना।
स्वयं के द्वारा बनाया गया TLM
श्रीमती सुनीता साहू
शासकीय प्राथमिक शाला बेल्हा
विकासखंड बिलाईगढ़
जिला बलौदा बाजार
राज्य छत्तीसगढ़
0 Comments