उषा साहू की रचनाएं

स्वरचित काव्य रचनायें


             1
विषय-श्री गणेशः

विधा-वर्ण पिरामिड

प्रथम
पुज्य
अधिकारी
लम्बोदर  धारी
विध्न  हर्ता सारी
शिव के पुजारी
श्री गणेशः नमो नमः
मुसक
सवारी
मंगलमूर्ति
गणपति गुणकारी
मोदक उनको प्यारी 
कष्ट  हर्ता सुखकारी
 श्री गणेशः नमो नमः


         ( 2)
शीर्षक-आईना

विधा-कविता

आईना मुझे बुलाती है,
मेरे कानों  में कुछ गुनगुनाती है।
तू जब मुस्कुराती है,
मेरे हृदय में फूल खिलाती है।
तू जब आँख में काजल लगाती है
आईने के सामने काले बादल घुमड़ आती है।
तू जब गीले केशो को बिखराती है
मुझे रिमझिम बारिश से भिगाती है।
तू जब चूड़ी खनकाती है,
मेरे सुंदर से आईने में सरगम बज जाती है।
तू जब बिन्दी लगाती है,
स्वर्ण सी चमक मुझमें आ जाती है।
तू जब अपने अधरों को सजाती है,
मुझमें सूरज सा लालिमा छा जाती है।
तू जब मेरे पास आ जाती है,
तेरी अनुपम काया मुझमें समा जाती है।


         (3)

विषय-तुम मिलना मुझे

तुम मिलना मुझे,
गुलशन की गुलजारो में ।
नव किरण की उजियारो,
बसन्त की बहारों में ।

तुम मिलना मुझे,
गगन विकास की नवीन सितारों में।
खिलते कमल अरुण,
तरुण की गितारो में ।

तुम मिलना मुझे,
समीर शंख की पुकारो में।
शस्यश्यामला वसुंधरा की
 सुरभि कतारों में।

तुम मिलना मुझे,
सावन की फुहारों में ।
सुगन्धित सुशोभित,
सरिता की सुरनारो मे ।

तुम मिलना मुझे,
चाँदनी रात की उजियारो में ।
सुंदर शीतल कोमल,
चमकते सितारों में ।।


              (4)
विषय-श्रृंगार रस

विधा-कविता

मेरी जिंदगी में आकर,
नव ज्योति जला दिये।
बिंदी ,चूड़ी, कंगन से ,
मुझको सजा दिये ।

मेरी गमो की बादलों को आपने,
काजल बना दिये ।
काजल बनाकर,
मेरे नयनों को सजा दिये।

मेरी सुकोमल मुस्कान को आपने,
पायल बना दिये ।
पायल बनाकर,
मेरे पाँव में सुरसँगम बजा दिये।

मेरे काले बालो को आपने,
बादल बना दिये ।
बादल बनाकर,
रिमझिम बारिश से भीगा दिये।

मेरी बिन्दी को आपने,
चमकते सितारे बना दिये।
चमकते सितारे बनाकर,
मेरे मांग को सजा दिये।

मुझे जीवनसाथी बनाके आपने,
नई किरण बिखरा दिये।
खुशी, सम्मान,सफलता से,
मेरे जीवन को महका दिये।।

      (5)

विषय-देश भक्ति

विधा- गीत

शीर्षक-भारत मेरा न्यारा न्यारा

भारत मेरा न्यारा-न्यारा,
है इसमें चारो धाम ।
स्वर्ण से सुंदर धरती नदियाँ,
है इसकी पहचान ।

         ( 1)
हम भारत की संतानें,
लड़ना झगड़ना न जाने ।
भाई-चारे को अपनाके,
आगे बढ़ना जानें ।
हर संकट को दूर करें हम,
सबको मिले सम्मान।
स्वर्ण से सुंदर धरती नदियाँ, है 
इसकी पहचान ।
भारत मेरा न्यारा-न्यारा.......

            (2)
हो हम सबके अच्छे कर्मों से,
रोशन भारत का नाम ।
संस्कृति मिले हम सबको यहाँ पर ,
 दे दो यह वरदान।
पुष्पित  हो जाये ये जग सारा,
कर दो यह अहसान ।
स्वर्ण से सुंदर धरती नदियाँ ,
है जिसकी पहचान ।
भारत मेरा .........

             (3)
जय जय वीर जवानों से हो,
धरती गुंजित आज।
भारत के वीर शहीदों पर,
शीश झुकाये आज।
तिरंगा झंडा ऊपर लहराके ,
बढ़ाये भारत की शान ।।
स्वर्ण से सुन्दर धरती नदियाँ ,
है जिसकी पहचान ।।

भारत मेरा न्यारा न्यारा ,
है इसमें चारो धाम ।
स्वर्ण से सुंदर धरती नदियाँ,
है जिसकी पहचान ।।

स्वरचित और मौलिक रचनायें

रचनाकार -उषा साहू

जिला-बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़

     बालगीत
********
सरस्वती वंदना(लय-'सावन का महीना')

सरस्वती मईया पईया मैं लागौ तोर..
मइया दरसन देके दुखे ल हरले मोर..

             1
मयूर म चढे मईया, सन सन धाये,
भक्तो के काज मईया करत सहाये ।
मेरी प्यारी मईया विनती ल सुनले मोर,
मईया दरसन देके दुखे ल हरले मोर ।
सरस्वती मईया........

        2
हाथ म वीना मईया सन सन धाये,
भक्तों के काज मईया करत सहाये।
मेरी प्यारी मईया विनती ल सुनले मोर,
मईया दरसन देके दुखे ल हरले मोर।
सरस्वती मईया.....

     3 
सर म मुकुट मईया सन सन धाये,
भक्तों के काज मईया करत सहाये।
मेरी प्यारी मईया विनती ल सुनले मोर,
मईया दरसन देके दुखे ल हरले मोर।

सरस्वती मईया पईया मैं लगो तोर
मईया दरसन देके दुखे ल हर ले मोर ।।


  
आम
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आम फलो का राजा है,
देखो कितना ताजा है ।
रंग है इसका पीला पिला,
शौंक से खाती प्यारी शीला ।


तोता
*****
तोता हूँ मै तोता ,
हरे रंग का तोता।
चोंच मेरी लाल है,
सुंदर मेरी चाल है।
पहली कक्षा की लड़की हूँ,
दिल की मै सच्ची हूँ।

हरे रंग  का तोता ,
पिंजरे में सोता ।
मेरा पिंजरा खोल दो,
मैं उड़ जाऊंगा।
ताजे ताजे फल खाऊंगा,
मम्मी को खिलाऊंगा ,
पापा को खिलाऊंगा।
मम्मी मेरी रानी ,
पापा मेरे राजा ।
फल खाये ताजा ।।

  झण्डा गीत
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कुछ गीत लबो पे सजते है,
तब साज दिलो में बजते है,
जब झण्डा लहराता है सामने
जब झण्डा लहराता है सामने ।।

शाम सवेरे देखु तुमको,
कितना सुन्दर तिरंगा है।
संग तुम्हारी ठण्डी छाया 
सारी दुनिया धूप है,
ये धरती अच्छा लगता है,
जब झण्डा लहराता है सामने
जब झण्डा लहराता है सामने ।।

मौसम भी रंग बदलते है,
सौ दीप शाला में जलते है।
जब झण्डा लहराता है सामने
जब झण्डा लहराता है सामने।।

ये है अपना झण्डा
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ये है अपना झण्डा,
इसे कहते है तिरंगा।
झण्डा देश की शान है,
हम सब की पहचान है।
हम सब हँसते हँसते , 
इसे करे नमस्ते।।


संकल्प गीत
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बनाया है बनाया है बनायेगे,
अपनी विद्यालय को आकर्षक बनायेगे।
सजाया है सजाया सजायेंगे,
अपने हाथों से शाला को सजायेंगे। 
भागते थे बच्चे स्कूल के डर से,
रोते रोते आते थे स्कूल के डर से,
हँसाया है हँसाया है हसाएंगे,
रोते बच्चों को मिलकर हसाएंगे ।
बनाया है बनाया है बनायेंगे,
अपनी शाला को आकर्षक बनायेंगे।।


बेटी हु मैं बेटी
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बेटी हु मैं बेटी ,
मैं तारा बनुँगी ।
तारा बनुँगी मैं ,
सहारा बनुँगी।
पढूंगी  लिखूंगी ,
मेहनत भी करूँगी।
अपने पाव में चलकर , 
मैं दुनिया देखूंगी।
बेटी हु मैं बेटी तारा बनुँगी,
तारा बनुँगी मैं सहारा बनुँगी।

गगन पे चमके चंदा ,
मैं धरती पर चमकुंगी।
धरती पर चमकुंगी मैं ,
मैं उजियारा करूँगी।
बेटी हु मैं बेटी तारा बनुँगी ,
तारा बनुँगी मैं सहारा बनूँगी।।


छोटे छोटे बच्चों की सायरी
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1 स्कूल मेरा मंदिर टीचर मेरे भगवान , 
पढ़ना लिखना आता मुझको ,भारत को है सलाम।।

2 नीली पीली साड़ी में , कड़ाई नही होती ।
मैडम नही आती तो , पढ़ाई नही होती।।

3 लक्स जैसी खुशबू , हमाम में कहाँ,
आप जैसी मैडम , हिंदुस्तान में कहाँ।।
 
4 चम्मच में चम्मच , चम्मच में जीरा,
हमारी मेम लाखो , में  हीरा।।

5 टंकी में टंकी , टंकी में पानी ।
हमारी मेम , परियो की रानी।।

नाम - उषा साहू 
विकासखण्ड -बिलाईगढ़ 
जिला - बलौदाबाजार
          

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