पौधों के अंगों के नाम/PARTS OF PLANTS

शीर्षक- पौधे के अंगों के नाम


सामग्री-ड्राइंग शीट, स्केच कलर, पेंटिंग कलर, पेंसिल, रबड़, स्केल, गोंद आदि।
उद्देश्य- टी. एल. एम. की सहायता से पौधे के अंगों के नाम के बारे में बताना।
निर्माण विधि-(1) ड्राइंग शीट लेना चारों तरफ बॉर्डर बनाना।
(2)  पेंसिल के माध्यम से पेड़ का चित्र बना लेना।
(3) पेपर में पत्ती, फूल, फल, बनाकर कटिंग करना।
(4) पत्ती में हरा कलर, फुल में संतरा कलर, फल में लाल कलर करना है।
(5)पेपर को छोटे-छोटे भागों में काट लेना और उसमें फूल, फल, पत्ती, तना, जड़ आदि को उनके अंगों के सामने चिपकाना।
प्रयोग विधि-सर्वप्रथम पौधे के अंगों के बारे में बताना जैसे- फल, फूल, तना, पत्ती, जड़, आदि का बोध कराना।
(1)जड़- जड़ पौधे की नींव होती है। जड़ पौधों को जमाए रखती है यह जमीन के अंदर होती है। यह मिट्टी से पानी और उसके अंदर मौजूद खनिज लवणों को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाती है।
(2) तना- तना पौधे का मुख्य भाग होता है यह जमीन के ऊपर होता है तने में से ही शाखाऐं निकलती है और उन पर फूल, पत्ती, और फल लगते हैं तना जड़ों द्वारा अवशोषित जल और खनिज पदार्थों को पत्तियों तक पहुंचाने का माध्यम होता है।
(3) पत्ती- पत्तियां पौधें का रसोईघर होती है। यह सूरज की रोशनी वायुमंडल से कार्बन डाई ऑक्साइड और मिट्टी से जड़ द्वारा प्राप्त जल व लवण के इस्तेमाल से भोजन बनाती है सूरज के प्रकाश से भोजन बनाने की इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं
 प्रकाश संश्लेषण में पौधे ऑक्सीजन गैस को निष्कासित करते हैं। जिससे हमारा वायुमंडल शुद्ध रहता है। पत्तियां जो भी भोजन बनाती है उसे पौधे के अन्य भागों 
जैसे- जड़, तना, पत्ती, और फल व फलों में संचित कर लिया जाता है।
(4) फूल- फूल पौधे का सबसे आकर्षक भाग होता है। फुल रंग-बिरंगे और खुशबूदार होते हैं जो की तितलियां, भौरों, मधुमक्खियां को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। फूल के सबसे बाहर की हरी पंखुड़ियों को बाहा दल कहते हैं, जब फूल कली की अवस्था में होता है तो यह फूल की रक्षा करते है। फूल पौधे की वंशवृद्धि के लिए फल और बीज का निर्माण करते हैं।
(5) फल- फूल से फल बनते हैं और फलों से बीज बनते हैं। बीच से नए पौधे बन जाते हैं फूल और फल पौधें की वंशवृद्धि के लिए उपयोगी अंग होते हैं।
लाभ- कबाड़ से जुगाड़ नवाचार के माध्यम से बच्चों के लिए पौधे के अंगों के नाम की गतिविधि कराके बच्चे जल्दी सीखते हैं।
प्रस्तुति- श्रीमती धनमत साहू
 शासकीय प्राथमिक शाला बेलटिकरी, 
विकासखंड बिलाईगढ़, जिला बलौदा बाजार छत्तीसगढ़

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