मेरी अभिलाषा है
–कवि श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
सूरज सा चमकू मै ,
चंदा सा चमकू मैं,
जगमग जगमग उज्जवल ,
तारों सा दमकू मै,
मेरी अभिलाषा है।
भावार्थ–
बालक बोलता है, कि मैं सूरज के समान चमकना चाहता हूं, मैं चंदा के समान चमकना चाहता हूं, सफेद जगमगाते हुए तारों के समान दमकना चाहता हूं ,यही मेरी इच्छा है ।
फूलों सा महकू मैं,
विहगो -सा चहकू मैं,
गुंजित सावन उपवन,
कोयल सा कुहकू ,
मेरी अभिलाषा है।
भावार्थ–
बालक बोलता है, कि मैं फूलों के समान महकना चाहता हूं, पक्षियों के समान चकना चाहता हूं, बाग बगीचे में कोयल के समान मीठी वाणी बोलना चाहता हूं, यही मेरी इच्छा है।
नभ से निर्मलता लू,
शशि से शीतलताललू,
धरती से सहनशक्ति।
पर्वत से दृढ़ता लू ,
मेरी अभिलाषा है।
भावार्थ–
बालक कहता है, मैं आकाश के से स्वच्छता तथा चंद्रमा से शीतलता लेना चाहता हूं ,धरती के समान सहनशक्ति लेना चाहता हूं, पर्वत के समान स्थिर चलना चाहता हूं , यही मेरी इच्छा है।
मेघो सा मिट जाऊं,
सागर सा लहरा,
सेवा के पथ पर मैं,
सुमन सा बिच जाऊं,
मेरी अभिलाषा है।
भावार्थ –
बालक कहता है, मैं बादल के सामान मिट जाना चाहता हूं, समुद्र के समान लहराना चाहता हूं, जिस रास्ते पर वीर भारत मां की सेवा कर रहा है ,मैं उस रास्ते पर फूलों सा बिछना चाहता हूं ,यही मेरी इच्छा है।
प्रश्न और अभ्यास
प्रश्न 1. कविता में किन के जैसे चमकने और दमकने की बात कही गई है?
उत्तर- कविता में चांद ,सूरज एवं तारों के समान चमकने एवं दमकने की बात कही गई है।
प्रश्न 2. बच्चा नभ, शशि ,धरती, और पर्वत से क्या-क्या लेने की अभिलाषा करता है?
उत्तर -बच्चा नभ से निर्मलता शशि से शीतलता धरती से सहन शक्ति और पर्वत से दृढ़ता लेने की अभिलाषा करता है।
प्रश्न 3. बच्चा किस के पथ पर फूलों के जैसे बिछने की अभिलाषा करता है?
उत्तर- बच्चा मातृभूमि की सेवा के पथ पर फूलों के जैसे बिछने की अभिलाषा करता है।
प्रश्न 4.बच्चा सूरज और चंदा के समान चमकना क्यों चाहता है?
उत्तर - जिस प्रकार सूरज और चंदा की रोशनी से सारा संसार चमकता है । उसी प्रकार बालक अच्छे कार्य करके सारे संसार में अपना यस फैलाना चाहता है ।इसलिए बच्चा सूरज और चंदा के समान चमकना चाहते हैं।
प्रश्न 5. फूलों में क्या गुण होता है बच्चा फूल से किस गुण को लेना चाहता है?
उत्तर- फूलों में सुगंध का गुण होता है, सभी को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण होता है, सभी को प्रसन्न करने का गुण होता है, पर बच्चा फूलों से सेवा के पद पर बिछाने का गुण लेना चाहता है।
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