पाठ 18 मितानी अभ्यास पाठ से प्रश्न 1. मँजूर ह अपन पाँख ल काबर छितराय हे ? उत्तर - जब करिया - करिया बादर उमड़े - घुमड़े त मँजूर ह अपन पाँख ल छितर…
पाठ 19 कटुक वचन मत बोल – श्री रामेश्वर दयाल दुबे शब्दार्थ - जिज्ञासु = जानने की इच्छा करने वाला, पूछताछ करने वाला, प्रयाग = इलाहाबाद, विदीर्ण = बीच…
पाठ 17 वर्षा - बहार –श्री मुकुटधर पाण्डेय पाठ परिचय - छत्तीसगढ़ के युग प्रवर्तक कवि श्री मुकुटधर पाण्डेय की प्रस्तुत कविता में वर्षा ऋतु के कई र…
पाठ 18 ब्रज -माधुरी कविवर पद्माकर/हरिश्चन्द्र/बेनी प्रमुख पद्यांशों की व्याख्या 1. चितै-चितै चारों ओर चौंकि-चौंकि परें त्याँही, जहाँ-तहाँ जब-तब खटकत …
पाठ 17 तृतीय लिंग का बोध –श्री लेखक मंडल प्रश्न और अभ्यास पाठ से प्रश्न 1. राम के वन गमन के प्रसंग में किन्नरों के बारे में किस कथा का वर्णन मिलता…
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